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April 17, 2025

बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं में मोबाइल कर रहा है आग में घी का काम

देहरादून में संजय ऑर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर एवं सेवा सोसाइटी की ओर से सातवां सयुंक्त राष्ट्र वैश्विक सड़क सुरक्षा सप्ताह 15 से 21 मई तक मनाया गया। इसके तहत सेंट क्लेयर्स कॉन्वेंट स्कूल मसूरी, सनातन धर्म इंटर कॉलेज बन्नू रेस कोर्स देहरादून, निर्मला इंटर कॉलेज, बार्लोगंज मसूरी, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय हर्रावाला देहरादून, संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार में जन-जागरुकता व्याख्यान आयोजित किए गए। साथ ही विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के साथ ही उन्हें वे सिद्धांत बताए, जिसे अपनाकर दुर्घटनाओं की संभावनाओं को कम किया जा सकता है। डॉ. संजय ने स्कूल के छात्रों, अध्यापकों एवं कर्मचारियों और जन-समूह से अपने और जनहित में यातायात के नियमों को सीखने और उनका पालन करने की शपथ भी दिलाई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सप्ताह के अंतिम दिन आज देहरादून में उत्तरांचल प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इसमें पद्मश्री से सम्मानित वरिष्ठ ऑर्थोपीडिक एवं स्पाइन सर्जन डॉ. बीकेएस संजय के साथ ही इंडिया एवं इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. गौरव संजय ने आयोजित किए गए कार्यक्रम के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सप्ताह के दौरान वेबिनार एवं ऑडियो-विजुअल प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्कूलों एवं विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं, अध्यापक-अध्यापिकाओं एवं उनके सह-कर्मचारियों एवं जन समूह को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पद्मश्री डॉ. बीकेएस संजय का परिवार एवं इनकी संस्था पिछले 25 सालों से समाज में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुकता फैला रहा है। इसका उल्लेख इंडिया एवं इंटरनेशनल बुक में रिकॉर्ड्स किया जा चुका है। डॉ. संजय के इन्हीं सामाजिक कार्यों एवं चिकित्सीय कार्यों के लिए भारत सरकार द्वारा 2021 में पद्म श्री से अलंकृत किया जा चुका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रेस वार्ता में डॉ. गौरव संजय ने बताया कि हर साल लगभग अपने देश में 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं घटती हैं। इनमें से लगभग 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है और अच्छे इलाज के बावजूद भी लगभग इतने ही लोग विकलांग हो जाते हैं। सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारण हैं ओवरस्पीडिंग, ओवरटेकिंग, ओवरलोडिंग। इसके कारण आज वाहन चलाते समय मोबाइल के प्रयोग करने पर सड़क दुर्घटना की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में यदि दुर्घटना घटती है तो 40 प्रतिशत लोगों की मौत भी हो जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि दुघटनाऐं इतनी ही देर में हो जाती है जितनी देर में आप अपनी जेब से फोन को निकालते हैं, फोन नंबर देखते हैं या मैसेज पढ़ते हैं। हम सबका अनुभव है कि दुर्घटनाऐं सेकेंड्स में होती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यदि चौपहिया वाहन चालक यदि सीट बैल्ट नहीं लगाते हैं, तो दुर्घटनाओं से होने वाले खतरों की संभावना 70 प्रतिशत बढ़ जाती है। इसलिए वाहन चलाते समय चौपहिया वाहन के चालकों को सीट बेल्ट का एवं दुपाहिया वाहनों के चालकों को हेलमेट का प्रयोग करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ. गौरव संजय ने बताया कि कोई भी सड़क दुर्घटना होने पर हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं ने महामारी का रुप धारण कर लिया है। इसके मुख्य कारण हैं ओवरस्पीडिंग, ओवरटेकिंग, नींद का अभाव, नशे का प्रभाव। सड़कों पर ओवरस्पीडिंग, ओवरटेकिंग में मोबाइल का प्रयोग आग में घी का काम कर रहा है जो एक व्यवहारिक समस्या है और चालक के व्यवहार में बदलाव लाया जा सकता है। हमारे इस कार्यक्रम का उद्देश्य की है कि हम ऐसी घटनाओं के बारे में सुनने वाले लोगों को अवगत कराएं। लोग जैसे ही इन घटनाओं के बारे में सुनते हैं सुनने वाले लोग अपने अनुभव भी बताते हैं और कई बार तो अपनी गलती भी महसूस करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पद्म श्री डॉ. संजय ने बताया कि वाहन की जितनी ज्यादा गति होती है, उतना ज्यादा नुकसान होता है। दुर्घटना के बाद गरीब आदमी और गरीब हो जाता है। आर्थिक समस्या के अलावा व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं सामाजिक समस्याएं भी आ जाती हैं। बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाऐं अपने देश में विकलांगता का मुख्य कारण हैं। पद्म श्री डॉ. संजय ने इस प्रेस वार्ता के माध्यम से लोगों से अपील की कि वह इस महामारी को कम करने में अपना योगदान दें।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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