फोन न होने से ऑनलाइन क्लास छूटी, सड़क किनारे आम बेच रही थी बच्ची, व्यवसायी ने 12 आम के दिए 120000 रुपये, खरीदा स्मार्ट फोन

ये वाक्या झारखंड में जमशेदपुर का है। एक 11 वर्षीय लड़की तुलसी कुमार सड़क किनारे आम बेचकर लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हुए परिवार की मदद कर रही थी। उसका सपना एक स्मार्टफोन खरीदने का था। ताकि वह अपनी क्लास के बाकी बच्चों की तरह ऑनलाइन क्लास में भाग ले सके। बच्ची की परेशानियों के बारे में जानने पर मुंबई के एक अमेया हेटे ने उससे 120000 रुपये में एक दर्जन आम खरीदे। प्रत्येक आम का 10,000 रुपये भाव लगाया। आम खरीदने के बाद शख्स ने बुधवार को तुलसी के पिता श्रीमल कुमार के खाते में पैसा भेज दिया। ताकि वह एक स्मार्टफोन खरीद सके और ऑनलाइन क्लास अटेंड कर सकें।
तुलसी कुमारी पांचवी कक्षा की छात्रा है। लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद होने की वजह से उसकी पढ़ाई रुक गई थी। साथ ही लॉकडाउन के दौरान उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई थी। उसके माता-पिता के पास ऑनलाइन कक्षाओं के लिए उसे स्मार्टफोन दिलाने के लिए रुपए नहीं थे। एक इंटरव्यू में तुलसी ने बताया कि वो एक स्मार्टफोन खरीदना चाहती थी, लेकिन आम बेचने से जो कुछ भी कमाया वो परिवार के लिए राशन खरीदने में चला जाता था।
तुलसी की मां पद्मिनी देवी ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनकी बेटी जो कक्षा 5 की छात्रा है। अपनी पढ़ाई ऑनलाइन जारी रखने के लिए एक स्मार्टफोन चाहती थी, लेकिन लॉकडाउन के दौरान सड़क किनारे आम बेचने लगी थी। उसकी मां ने व्यवसायी को धन्यवाद भी दिया है।
मुंबई के रहने वाले हेटे के मुताबिक उन्हें एक पत्रकार के सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए तुलसी के बारे में पता चला और उन्होंने उसकी मदद करने का फैसला किया। व्यवसायी ने बताया कि जब उन्होंने उसकी कहानी के बारे में सुना तो कहानी उनके दिल को छू गई। उन्होंने कहा कि-ऐसे कई बच्चे हैं जिनकी गरीबी के साथ संघर्ष उनकी शिक्षा को प्रभावित कर रहा है, लेकिन तुलसी की कहानी से मैं प्रभावित हुआ। क्योंकि वो परिस्थितियों से हार न मानने और अपने सपनों के लिए प्रयास करने की भावना रखती है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
सुंदर सत्यकथा खोजने के लिए भानु जी का साधुवाद