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November 10, 2024

दो घंटे कहां था, इसका सबूत नहीं दे पाया मंत्री पुत्र आशीष मित्रा, थार में कारतूस के मामले में साधी चुप्पी, भेजा जेल

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को 12 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद शनिवार को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को 12 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद शनिवार को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया। आशीष मिश्रा पुलिस के कई सवालों का जवाब सही तरीके से नहीं दे पाया। इस पर पूछचाछ कर रही एसआइटी ने कहा कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। आशीष मिश्रा को देर रात 12.30 बजे ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। एसआइटी पूछताछ के लिए तीन दिन की न्यायिक हिरासत की मांग कर रही थी, लेकिन आशीष मिश्रा के वकीलों ने इसका विरोध किया। ऐसे में ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने आशीष को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिए। फिलहाल इस मामले की अगली सुनवाई अब सोमवार 11 अक्टूबर को होगी।
पुलिस का कहना है कि आशीष मिश्रा टालमटोल करने वाला जवाब दे रहा था और जांच में सहयोग नहीं कर रहा था। उत्तर प्रदेश पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, मंत्री के बेटे से किए सवाल पूछ गए, जिनका वह सही से जवाब नहीं दे पाए. उससे पूछा गया है कि वह घटना के दिन दोपहर 2 बजे से 4 बजे के बीच कहां था?
शनिवार को आशीष मिश्रा अपने कानूनी सलाहकारों के साथ एसआइटी दफ्तर पहुंचे था। उनके पास कई वीडियो भी थे। तीन अक्टूबर दोपहर ढ़ाई बजे से लेकर 3.45 के बीच वो कहां था, इस बाबत वह कोई पुख्ता सबूत नहीं पेश कर पाया। यही नहीं उनकी गाड़ी थार में कारतूस कैसे पहुंचे, इसका भी उनके पास जवाब नहीं था। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने फायरिंग की बात कही। उस बाबत जब उसकी और उनके दोस्त अंकित दास की भूमिका पूछी गई तो उस सवाल का जवाब भी वो टालता रहा।
उधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने तिकुनिया में मारे गए किसानों के लिए श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम भी रखा है। यूपी पुलिस ने आशीष मिश्रा को कानून की एक धारा के तहत नोटिस जारी किया था, जो गवाहों की उपस्थिति से संबंधित है, आरोपी से नहीं। उत्तर प्रदेस पुलिस के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक मंत्री का बेटा पिछले रविवार को घटना के दौरान कहां मौजूदा था, इस बारे में कई चीजें स्पष्ट नहीं कर पाया। गवाहों का कहना है कि आशीष मिश्रा उस कार्यक्रम से गायब था, जहां उसने बताया था कि वह 2 से 4 बजे के बीच था। उसकी फोन की लोकेशन भी क्राइम सीन के करीब मिली। किसानों को टक्कर मारने वाली एसयूवी के ड्राइवर के बारे में उसने जो ब्योरा दिया है वो भी मेल नहीं खा रहा है।
मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के एक दिन बाद हुई जिसमें कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा था कि इस घटना पर देशव्यापी आक्रोश है। कोर्ट ने कहा था कि किसान समूहों के बढ़ते दबाव के बीच कानून को इस मामले में “जो भी शामिल है” उसके खिलाफ अपना काम करना चाहिए। जस्टिस एनवी रमना ने तीखी फटकार में कहा था, “आप क्या संदेश भेज रहे हैं? सामान्य परिस्थितियों में भी। क्या पुलिस तुरंत नहीं जाएगी और आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करेगी? चीजें उस तरह से आगे नहीं बढ़ीं, जो उन्हें होनी चाहिए थी। यह केवल शब्द प्रतीत होता है, कार्रवाई नहीं।
आशीष मिश्रा का नाम किसानों की ओर से दायर FIR में लिया गया है। इसमें कहा गया है कि किसानों के शांतिपूर्ण मार्च के बीच से आशीष अपनी कार से तेज गति से लोगों को रौंदते निकला। इस घटना और इससे हुई हिंसा में चार किसानों और काफिले के चार लोगों सहित आठ लोगों की मौत हो गई। हालांकि केंद्रीय मंत्री के बेटे ने स्वीकार किया कि किसानों के ऊपर से दौड़ी एसयूवी उनकी है, लेकिन उनका कहना है कि वह उसमें नहीं था।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में रविवार तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। हजारों की संख्या में किसान यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और राज्य के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का विरोध करने के लिए जमा हुए थे। किसानों ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर अपनी SUV चढ़ा दी, जिससे चार किसानों की मौत हो गई। इस मामले में किसानों ने FIR भी दर्ज करवाई है। घटना के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। उधर केंद्रीय मंत्री ने घटना में अपनी गाड़ी होने की बात कबूल की है, लेकिन बेटे के वहां मौजूद होने से इनकार किया है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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