विज्ञान का चमत्कारः सिर के ऊपर आग जलाकर चाय बनाने की विधि
क्या आपने सुना है कि कोई चाय बनाने के लिए व्यक्ति के सिर पर चूल्हा बनाता हो। ऐसा कारनामा तो सिर्फ जादूगर करते हैं और देखने वाले दांतो तले अंगुली दबाने को मजबूर होते हैं। ऐसा करने में सिर्फ वैज्ञानिक तथ्य है। सही विधि को अपनाएंगे तो जिसके सिर पर चूल्हा जल रहा होता उसे जरा भी तपन का अहसास नहीं होगा। आइए हम आपको बताते हैं सिर पर चाय बनाने की विधि।
आवश्यक सामग्री
इसके लिए चाय बनाने का सामान, धातु का रोटी के आकार से थोड़ा छोटा छल्ला, सूती कपड़े का टुकड़ा, साधारण धागा, सूती तौलिया, तीन सौ से लेकर पांच सौ ग्राम तक गूंथा हुआ आटा, माचिस।

इस तरह से करें चमत्कार
सबसे पहले धातु के छल्ले में सूती कपड़े को अच्छी तरह से कसकर लपेट लें। साथ ही इसे धागे से लपेटकर बांध लें। ताकी कपड़ा कहीं से ढीला न रहे। बन गूंथे हुए आटे को रोटी के आकार का बना लें। फिर इसे पानी में भीगे हुए तौलिये के बीचोंबीच रखकर दाएं व बाएं से ढक दें। अब इस तौलिए को उस व्यक्ति के सिर पर रखें, जिसके सिर पर चाय बनानी है। ध्यान रहे कि रोटी के आकार का गूंथा आटा सिर के बीच के हिस्से पर रहे। इसके बाद कपड़े से लिपटे छल्ले को मिट्टी के तेल में अच्छी तरह से भिगो लें।
इस छल्ले को सिर पर रखे तौलिए पर उस स्थान पर रखें, जिसके नीचे गूंथे आटे की रोटी है। यानी रोटी के ऊपर ही यह छल्ला रहे। अब इस छल्ले पर माचिस की सहायता से आग लगा लें। इस आग पर बड़ी आसानी से चाय बनाई जा सकती है। चाय बनाने के बाद तौलिए के लटके हुए हिस्से की सहायता से आग बुझा लें।
ये है वैज्ञानिक तथ्य
तौलिया और आटा गीला होने के कारण जलते हुए छल्ले की ऊष्मा को सिर तक पहुंचने नहीं देता। इसका कारण यह है कि तौलिया और आटा गीला होने के कारण आग के अधिकांश ताप को सोख लेते हैं। इससे सिर पर गर्मी का अहसास तक नहीं होता।
ये बरतें सावधानियां
तौलिया अच्छी तरह से भीगा हुआ होना चाहिए। उससे पूरा सिर अच्छी तरह ढक जाना चाहिए। तौलिया तह करते समय आटे की रोटी अच्छी तरह से ढकी होनी चाहिए। छल्ला सिर पर रखते समय ध्यान रहे कि वह तौलिए के भीतर रखी आटे की रोटी के ऊपर ही रखा जाए।
छल्ला मिट्टी के तेल से अच्छी तरह भीगा होना चाहिए। छल्ला उसी समय तक जलाना चाहिए, जब तक मिट्टी का तेल जले। यदि कपड़ा जलने लगे तो आग को बुझा देना चाहिए। चाय के बर्तन का हत्था कुचालक पदार्थ का होना चाहिए। आग बुझाते समय सावधानी बरतें।
Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।