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November 12, 2024

मेडिकल छात्रों ने कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन पर की चर्चा, लोगों को करेंगे जागरूक

कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर मेडिकल छात्रों ने चर्चा की। साथ ही लोगों को जागरूक करने का भी निर्णय किया। इस दौरान कोरोना की दोनों लहरों के दौरान हुई परेशानियों पर भी चर्चा की गई।

कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर मेडिकल छात्रों ने चर्चा की। साथ ही लोगों को जागरूक करने का भी निर्णय किया। इस दौरान कोरोना की दोनों लहरों के दौरान हुई परेशानियों पर भी चर्चा की गई। साथ ही भविष्य के खतरों को लेकर सजग रहने पर भी जोर दिया गया। परिचर्चा देहरादून में बिंदाल पुल के निकट दून पैरामेडिकल कॉलेज में आयोजित की गई। इसमें 100 से अधिक युवाओं ने भाग लिया। इस दौरान कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर भी चर्चा की गई। साथ ही कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने पर भी जोर दिया गया। कहा गया कि अभी भी सुरक्षा जरूरी है। लापरवाही बड़े संकट में डाल सकती है। वहीं, इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों की लूट खसोट के खिलाफ चल रहे अभियान से जुड़ने पर जोर दिया गया।
“युवा संवाद-कोरोना संघर्ष ” विषय पर आयोजित इस परिचर्चा में कोरोना महामारी युवाओं से संवाद किया गया। युवा संवाद में कोरोनाकाल में हुई समस्याओं जैसे अस्पतालों में बेड न मिलना, दवाइयों की उपलब्धता, मरीजों से पैसे की लूट जैसे विषयों पर चर्चा की गई। आपदा में अवसर कैसे तलाशा जाता है, ये कोरोना काल में अधिकांश निजी अस्पतालों ने दिखा दिया। कोरोना मरीजों के बिल वापसी के लिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका के माध्यम से संघर्ष कर रहे याचिकाकर्ता देहरादून निवासी अभिनव थापर, दून पैरामेडिकल कालेज के प्रबंध निदेशक संजय चौधरी, पुलिस से सेवानिवृत्त आइजी गिरीश चंद्र पन्त ने मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया।

इस मौके पर अभिनव थापर ने बताया कोरोना काल में केंद्र सरकार की ओर से जून 2020 में निजी अस्पतालों के कोरोना मरीजों के लिए चार्ज सुनिश्चित किया गया था। बावजूद इसके कोरोना की दूसरी लहर में इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलने वाले निजी अस्पतालों ने मरीजों को बेखौफ होकर लूट की। ऐसे लगभग 1 करोड़ परिवारों को उनसे अस्पतालों द्वाकी ओर से अत्यधिक वसूली की गई। इस अतिरिक्त वसूली की वापसी के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रास्ता चुना।
उन्होंने बताया कि इस विषय पर गंभीरता दिखाते माननीय सुप्रीम कोर्ट की संयुक्त पीठ ने इस याचिका के निजी अस्पतालों द्वारा लिए गए अत्याधिक बिल चार्ज की अनियमिताओं, मरीजों को रिफंड जारी करने व पूरे देश के लिये सुनिश्चित गाइडलाइंस जारी करने के संबंध में पहले स्वास्थ्य मंत्रालय, केंद्र सरकार और फिर सारे राज्यों और UT से जवाब तलब किया है। उन्होंने बताया कि संकट की घड़ी में निजी अस्पतालों की ओर से मचाई गई लूट के लिए ” लड़ाई अभी बाकी है, हिसाब अभी बाकी है ” अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत लोगों को जागरूक कर उनके बिल एकत्रित कर, उनके बिल प्रतिपूर्ति का विषय सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया जाएगा। ऐसे में आप भी अगर आपके परिवार के किसी सदस्य, दोस्त या रिश्तेदार से किसी निजी अस्पताल में इलाज के नाम पर लूट हुई हो तो आप समस्त बिल उनकी हेल्पलाइन- व्हाट्सएप- 9870807913, ईमेल- abhinavthaparuk@gmail.com में दे सकते हैं। थापर ने कहा कि आपके हक की लड़ाई लड़ने के लिए हमारी ओर से हर संभव कार्य किए जाएंगे।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता गिरीश चंद्र पन्त ने अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इस अभियान से देश-प्रदेश की जनता को बड़ी आर्थिक राहत मिलेगी। उन्होंने युवाओं को इस अभियान व अन्य कोरोना संबंधित विषयों पर जागरूक किया। वहीं दून पैरामेडिकल कालेज के प्रबंध निदेशक संजय चौधरी ने कहा कि निजी अस्पतालों की कालाबाजारी के खिलाफ चलाए गए इस अभियान से आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। हमारा यह CONCLAVE आयोजित करने का मकसद यही था कि युवाओं को कोरोना के प्रति अपने अधिकारों, संघर्ष, अनुभवों द्वारा जागरूक किया जा सके। कोरोना-काल मे हमने अपने सब कर्मचारियों का सहयोग किया।
इस CONCLAVE “युवा संवाद-कोरोना संघर्ष ” में 100 से अधिक मेडिकल से जुड़े युवाओं ने भाग लिया और अपने विचार रखे। कुछ ने अपने निजी अस्पतालों की लूट से अवगत कराया। एक छात्रा ने बताया कि उसने अपनी माता को कोरोना में खो दिया और लगभग 40 लाख रुपये अस्पतालों को दिया। एक छात्र ने omicron पर अपनी रिसर्च रखी। सबने अंत मे प्रण लिया कि आगे भी कोरोना की महामारी के खिलाफ लोगों को जागरूक करेंगे।सबकी हर संभव मदद करेंगे। क्योंकि इसी एकता में ही शक्ति है। युवा संवाद का संचालन प्रधानाचार्य डॉ राजीव गौतम ने किया। इसमें निकिता मिश्रा, दीप्ति जैसवाल, मोहम्मद तौसीफ आदि ने अपने विचार रखे।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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