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September 17, 2025

मौनी अमावस्या आज से शुरू, बन रहा है ये संयोग, प्रभावशाली खुद को महसूस करेंगे कमजोरः डॉ. आचार्य संतोष खंडूड़ी

मौनी अमावस्या माघ की पूजित स्नान, ध्यान और दान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और गुणकारी सिद्ध होती है। मौनी अमावस्या की यह तिथि सर्वांगीण विजय देती है। मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त आज यानी सोमवार 31 जनवरी की अपराह्न दो बजे से शुरू हो रहा है।

मौनी अमावस्या माघ की पूजित स्नान, ध्यान और दान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और गुणकारी सिद्ध होती है। मौनी अमावस्या की यह तिथि सर्वांगीण विजय देती है। मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त आज यानी सोमवार 31 जनवरी की अपराह्न दो बजे से शुरू हो रहा है। ये एक फरवरी 11 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। अर्थात महत्वपूर्ण विषय ये है कि मौनी अमावस्या सोमवार के प्रारंभ हो रही है, इसका मतलब सोमवती अमावस्या है। मंगलवार को ये समाप्त हो रही है, ऐसे में इसका अभिप्राय संपूर्ण अनिष्टों का निवारण करने वाली अमावस्या है। इसलिए इस अमावस्या को विजय अमावस्या भी कहा जाएगा। आज के दिन जो भी व्यक्ति पुण्य का लाभ प्राप्त करेगा, उसे निश्चित ही विजयी होगा। इसमें संपूर्ण छल, कपट, दंभ, दोष, तंत्र, मंत्र और षड्यंत्र करने की क्षमता है। अर्थात इसी दिन को योगी, तपस्वी ज्ञानी मौनी सिद्ध व्यक्ति अपने आप को साधकर प्रकृति की संपूर्ण शक्तियों को अपने भीतर समाहित कर असंभव को संभव करने की क्षमता रखते हैं। यहां इस पर्व की विशेषताओं के साथ ही इसके प्रभाव पर प्रकाश डाल रहे हैं डॉ. आचार्य संतोष खंडूड़ी।
मौन साधना को महत्व
मौनी अमावस्या सतयुग से चली आ रही परंपरा है। जहां देव और दावनों का युद्ध लगातार होता था। विशेषकर देवता लोग युद्ध में परास्त हुआ करते थे। उन्होंने मौन रहकर ब्रह्मा, विष्णु और महेश का ध्यान किया। ध्यान करके अपनी बुद्धि और मन से मंथन कर अमृत जैसे दिव्य शक्ति को प्राप्त किया। उस अमृत का पान कर राक्षसों पर विजय प्राप्त की। इसलिए आज के युग में भी ज्ञानी, ध्यानी, संत, साधु, महापुरुष मौन साधना को महत्व देते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करके वे परमात्मा को प्राप्त करते हैं।
राजनीतिक दृष्टि से बन रहा ये योग
राजनीतिक दृष्टिकोण से आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। अर्थात आज के दिन काल सर्प दोष नौ ग्रहों का योग बना रहा है। इसके कारण बड़े बड़े शक्तिशाली धन और प्रभुत्वयुक्त लोग कहीं न कहीं अपने आप को कमजोर होते हुए महसूस करेंगे। कर्मठ, विश्वासपात्र, समाजसेवी व्यक्तियों के लिए दुर्लभ योग बन रहा है। मकर राशि पर शनि बलवान होते हुए बुध और आदित्य योग बना रहा है। जो पूर्णतया राजयोग है। इसीलिए ऐसे समय पर साधना, शक्ति के द्वारा ही विजय प्राप्त की जा सकती है।
स्नान और दान का महत्व
आज के दिन गंगा स्नान का अत्यधिक दिव्य महत्व है। साथ इसका दिव्य योग है। ऐसे समय पर स्नान करते हुए पितृ दोष, काल सर्प दोष, संपूर्ण ग्रहों का दोष के साथ ही दरिद्रता का निवारण कर सकते हैं। क्षमता के अनुसार अन्न, वस्त्र, धन और सेवा का दान देकर पुण्य लाभ लिया जा सकता है।
महालक्ष्मीजी की विशेष पूजा
स्नान के बाद महालक्ष्मीजी की विशेष पूजा जरूर करें। इससे दुर्लभ लाभ मिलेंगे। घर से दरिद्रता का निवारण होगा। अपार धन की प्राप्ति संभव होगी। साथ ही परिवार में सुख और शांति का वास होगा।
आचार्य का परिचय
आचार्य डॉ. संतोष खंडूड़ी
(धर्मज्ञ, ज्योतिष विभूषण, वास्तु, कथा प्रवक्ता)
चंद्रविहार कारगी चौक, देहरादून, उत्तराखंड।
फोन-9760690069
-9410743100

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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