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November 22, 2024

शहीद दीपक का पार्थिव शरीर लाया गया देहरादून, राज्यपाल और सीएम ने दी श्रद्धांजलि

जम्मू कश्मीर के डोडा जिले के अस्सर में बुधवार को हुई भीषण मुठभेड़ में सेना की 48 राष्ट्रीय राइफल के कैप्टन दीपक सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए। वह देहरादून के रहने वाले थे। गोली लगने के बावजूद दीपक ने मोर्चा नहीं छोड़ा और सुबह तक फायरिंग कर अपने जवानों को आतंकियों को मार गिराने के लिए प्रेरित करते रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डोडा, जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए 48 राष्ट्रीय राइफल के कैप्टन दीपक सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट देहरादून पहुंचा। जहां राज्यपाल (सेनि) लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किए। उन्होंने ईश्वर से पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने की कामना की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से नि) गुरमीत सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद के पिता महेश सिंह से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया एवं राज्य सरकार के स्तर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। राज्यपाल ने कहा कि शहीद कैप्टन दीपक सिंह, वीरभूमि उत्तराखण्ड के गौरव हैं। माँ भारती की सेवा में उनका यह बलिदान युवाओं में राष्ट्रभक्ति का संचार करता रहेगा। देश की रक्षा करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध हमारे वीर जांबाज का यह सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इस दुख की घड़ी में संपूर्ण देश व प्रदेश शहीद के परिजनों के साथ खड़ा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद कैप्टन दीपक सिंह का देश के खातिर दिया गया सर्वोच्च बलिदान एवं उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। वीर जवानों की शहादत एवं उनके शौर्य से ही हमारा देश सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश शहीद के परिजनों के साथ खड़ा है। राज्य सरकार द्वारा शहीद के परिजनों को हर संभव मदद की जाएगी। इस अवसर पर विधायक बृजभूषण गैरोला, भारतीय सैन्य अकादमी के कमान्डेंट लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन, जीओसी उत्तराखंड सब एरिया से मेजर जनरल आर प्रेम राज एवं अन्य लोग मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके बाद शहीद का पार्थिव शरीर कुआंवाला स्थित उनके आवास पर लाया गया। जहां उनके अंतिम दर्शनों के लिए लोगों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा। परिजन ताबूत से लिपटकर बिलख पड़े। परिजन की चीत्कार और विलाप देख वहां मौजूद हर किसी की आंख नम हो गई। इस दौरान लोगों ने भारत माता की जयघोष की, तो वहीं पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पुलिस–प्रशासन के अधिकारियों सहित कई लोगों ने बलिदानी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद बलिदानी का पार्थिव शरीर हरिद्वार ले जाया गया। जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
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