व्यापारियों से बोले मनीष सिसोदिया, आप की सरकार आते ही उत्तराखंड में खत्म होगा रेड राज

राईस मिल एशोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पुरुपोतम अग्रवाल ने मनीष सिसोदिया के सामने सबसे पहले अपनी समस्याएं रखी। उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि हम किसान की आय को दोगुना कर देंगे, लेकिन सरकार ने उसे दोगुना नहीं, बल्कि आधा कर दिया है। उन्हेांने बताया कि उत्तराखंड में 500 राईस मिलें हैं। जब से राज्य का विभाजन हुआ, तब से सबसे ज्यादा दिक्कत जूट को लेकर है। सरकार लच्छेदार भाषण देती है, लेकिन व्यापारियों का समाधान नहीं हो पाया है। इसके अलावा कई व्यापारियों ने रेड को लेकर भी अपनी समस्या को रखा।
मनीष सिसोदिया ने सभी व्यापारियों की समस्याएं सुनी और फिर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि व्यापारी और सरकार के बीच संवाद होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज मुझे इस बात की खुशी है कि आज व्यापारियों ने अपनी समस्याओं को बताते हुए उनके समाधान भी बताए हैं। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल और आप पार्टी के काम करने का तरीका ही यह है कि हम जनता से सीधा संवाद स्थापित करते हैं। पूरा देश आज अरविंद केजरीवाल और आप पार्टी को इस रुप में देखते हैं जिस पर वो भरोसा करते हैं। लोग खुद मानते हैं कि आप पार्टी काम करने वाली पार्टी है। हम काम करने की राजनीति करते हैं। इसीलिए हम संवाद पर यकीन करते हैं। उन्होंने कहा,व्यापारियों की समस्या को सुन कर लगा लोग रेड राज से परेशान हैं और आप की सरकार आते ही उत्तराखंड में भी दिल्ली की तरह रेड राज को खत्म करेंगे।
उन्होंने कहा कि ऐसी ही समस्या हमारे सामने 2015 में आई और तब अरविंद केजरीवाल ने सबसे पहले व्यापारियों को संवाद के लिए कई बार निमंत्रित किया। इसमें छोटे ,क्षेत्रीय दुकानदारों से लेकर बडे बडे उद्योग जगत के बडे बडे उद्योगपतियों को बुलाया गया। लगातार दो तीन महीने के संवाद के बाद हमने अपना पहला बजट तैयार किया। उन्होंने कहा कि जब हमने दिल्ली में व्यापारियों से संवाद शुरू किए तो व्यापारी भी बिना डर के खुले मन से अपनी बात हमारे सामने रखते थे। व्यापारी कहते थे कि जब जब सरकारी इंस्पैक्टर इंस्पेकशन के नाम पर आते थे तो वो सरकार नहीं, बल्कि खुद की जेबें भरने के लिए व्यापारियों को डराते थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में इंस्पैक्टर छोटे दुकानदारों को डरा धमका कर टैक्स चोरी का डर दिखाते हुए उनसे पैसा वसूली करते थे। दिल्ली में पहले छोटे व्यापारियों को 5 लाख का नोटिस दिया जाता था। ताकि वो रिश्वत के रूप में 50 हजार रुपये जेब में डाल दे। सबसे गंभीर बात ये कि जो नोटिस का पैसा पहले वूसल किया जाता था। उसका एक रुपया सरकार को नहीं मिलता था।
उन्हेांने कहा कि व्यापारियों के आग्रह पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने लिखित ऑर्डर देकर ये फरमान जारी किए कि वैट डिपार्टमेंट कोई भी रेड नहीं करेगा। जब हमें दोबारा रेड की सूचना मिली तो हमारी सरकार के इनफोर्समेंट डिपार्टमेंट को ही खत्म कर दिया। जो पूरे भारत में एक उदाहरण हमारी सरकार ने सेट किया।
व्यापारियों के अनुरोध पर टैक्स कम कर ज्यादा टैक्स प्राप्त किया
उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने हमसे अनुरोध किया कि टैक्स के रेट को दिल्ली सरकार कम करे। हम पीछे नहीं हटे और हमने 2015 में पहली बार व्यापारियों के आग्रह पर टिंबर पर साढ़े बारह प्रतिशत से टैक्स घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से एक ही वार्षिक बजट में 1 प्रतिशत की टैक्स बढ़ोत्तरी के रूप में सरकार को प्राप्त हुई। यही पालिसी 2016 में अपनाई और 44 चीजों पर हमने साढ़े बारह प्रतिशत टैक्स को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया। फार्मूला काम आया और जो बजट 2015 में 30 हजार करोड था, वो 2020 में आते आते टैक्स कम करने के बावजूद 60 हजार करोड रुपये हो गया। हमने ईमानदारी की राजनीति की। हमने रेड राज को हमेशा के लिए खत्म कर दिया, टैक्स के रेट कम किए, दिल्ली में पहले पावर कट होते थे, लेकिन हमार मंत्रियों ने सडकों पर खडे होकर खुद ट्रांसफार्मर बदलवाए और व्यापारियों की इस समस्या का भी हमेशा के लिए समाधान किया।
घर पर आकर करते हैं अधिकारी काम
उन्होंने कहा कि दिल्ली में सरकार अब आदमी के पास जाती है। हमने काल सेंटर बनाया है। इस पर काल करके कई समस्याओं का समाधान हो जाता है। और समय सीमा पर वो कागज आपको मिल जाएगा और जो एक्जीक्यूटिव आपके घर आया तो उसका भी फीडबैक सीएम ऑफिस लेता है कि आप उस काम से संतुष्ट हैं। अगर हां तो उसकी नौकरी बच जाएगी। अब दिल्ली में कोई लाईन नहीं लगती जनता धक्के नहीं खाती। उन्होंने आगे बताया कि व्यापारियों के लिए हमने 2016 में वैट में सरलीकरण किया और 42 प्वांइंट को कम कर 16 प्वाइंट कर दिया । जब हमने इसको इंप्लीमेंट किया तो अन्य कई प्रदेशों के कमिश्नरों ने इसे इंप्लीमेंट करने के लिए मंगवाना शुरू किया।
उत्तराखंड में संसाधनों की कमी नहीं, नियत ठीक हो तो यहां ग्रोथ संभव
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सरकार को 25 हजार करोड़ हर साल मिलता है, जबकि दिल्ली में हमको हर चीज के लिए एलजी और केंद्र सरकार पर निर्भर रहना पड़ता है। ईमानदार राजनीति के चलते हमने दिल्ली में करके दिखाया है। उत्तराखंड तो फुल फ्लेज्ड राज्य है और यहां और अच्छे तरीके से काम हो सकता है। जितने संसाधन उत्तराखंड के पास है वह अद्भुत है। मैं 10- 15 साल से उत्तराखंड आता रहता हूं। मुझे यह लगता है कि सब कुछ अगर यहां पर ठीक हो जाए तो यहां पर ग्रोथ हो सकती है।
इससे पहले देवभूमि बिजनेस डायलोग में आप प्रभारी दिनेश मोहनिया ने कहा कि मनीष सिसोदिया सिर्फ शिक्षा जगत में क्रांति लाने वाले नहीं, बल्कि देश के पहले नेता हैं जो आर्थिकी व्यवस्था में भी बदलाव लाने वाले पहले व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार व्यापारियों का पूरा सहयोग करने के साथ उनका सहयोग लेती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार व्यापारियों को सहयोगी के रुप में देखती है। उन्होंने बताया कि आज से पहले जो भी सरकारें दिल्ली में रहीं वो केवल व्यापारी को टैक्स कलेक्शन का माध्यम मानती थी। पूर्ववर्ती सरकारों में इंस्पैक्टर राज से भी व्यापारी परेशान थे। उन्होंने बताया कि जितना सहयोग सरकार का समाज के लिए होता है वैसा ही सहयोग व्यापारियों का भी समाज को बढाने में अहम योगदान रहा है। सरकार और व्यापारी के सहयोग से ही समाज आगे बढता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।