आशा वर्कर्स को पांच माह तक दो हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का शासनादेश, कुमाऊं में स्थगित, गढ़वाल में आंदोलन जारी

उत्तराखंड में आशा वर्कर्स को पांच माह तक दो हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने के शासनादेश जारी कर दिए गए हैं। इसे लेकर हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि कोरोनाकाल में आशाओं ने बढ़चढ़कर सेवा कार्य किया। उन्होंने जान की परवाह नहीं की और सेवाएं दी। ऐसे में उन्हें पांच माह तक हर माह दो-दो हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। आज उत्तराखंड शासन के सचिव अमित नेगी की ओर से इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। उधर, आशा वर्कर्स का धरना जारी है। उनकी मांग है कि पूर्व में शासन के साथ हुई वार्ता के दौरान बनी सहमति का भी जीओ जारी किया जाए।
उत्तराखंड में आशाएं 12 सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत हैं। इसके तहत दो अगस्त से कार्यबहिष्कार कर वे सभी जिलों में सीएमओ कार्यालय के साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों के समक्ष धरना दे रही हैं। बीती नौ अगस्त को स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी से यूनियन के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता हुई थी। इस पर शासन ने कुछ मांगों पर सहमति दी थी, लेकिन शासनादेश जारी नहीं होने के कारण आंदोलन जारी है।
इसके अगले दिन 10 अगस्त को आशाओं ने सीएम आवास कूच भी किया था। फिर भी उनके संबंध में जीओ जारी न होने पर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है। शुक्रवार 27 अगस्त को आशा वर्कर्स ने विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया था। उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे का कहना है कि शासन से बनी सहमति के आधार पर उनकी अन्य मांगों के संबंध में भी जल्द शासनादेश जारी किए जाएं। तभी आंदोलन समाप्त किया जाएगा।
कुमाऊं में आंदोलन स्थगित, गढ़वाल में जारी
खटीमा में एक्टू से जुड़ी कुमाऊं मंडल की आशा वर्कर ने गत दिवस रैली निकाली और सीएम पुष्कर सिंह धामी के खटीमा आगमन पर उनके मुलाकात की थी। इस दौरान मुख्यमंत्री से उनके प्रतिनिधिमंडल की वार्ता हुई। इसमें मुख्यमंत्री ने 20 या 25 दिन का वक्त शासनादेश जारी करने के लिए मांगा। इस पर उनके आश्वासन पर कुमाऊं मंडल की आशा वर्कर्स ने आंदोलन स्थगित कर दिया। वहीं, सीटू से संबद्ध उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता यूनियन ने आंदोलन जारी रखने का निर्णय किया है। गढ़वाल मंडल की समस्त आशा वर्कर्स 2 अगस्त से कार्यबहिष्कार पर हैं।
आज देहरादून में आशा वर्कर्स की बैठक में फैसला किया गया कि मुख्यमंत्री जी के आश्वासन का हम सम्मान करते हैं, जब तक महानिदेशक की ओर से भेजे गए प्रस्ताव और और उनकी मांगों पर बनी सहमति का जीओ जारी नहीं होता तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा। इस मौके पर सरकार से शीघ्र हमें शासनादेश जारी करने की मांग की गई।
ये रहीं उपस्थित
बैठक में कलावती चंदोला, सुनीता चौहान, धर्मिष्ठा वाट, पुष्पा खंडूरी, गीता शर्मा, अमरजीत कौर, आशा चौधरी, सुनीता जोशी ,बबीता शर्मा, निरा कंडारी, मनप्रीत कौर, सचिन तिवारी, परविंदर, हंसी नेगी, इंदु रावत, साक्षी भरद्वाज, कीर्ति, यशोदा, ऋतु पाठक, नीलम देवी, पिंकी संगीता, सर्वेश्वरी, निशा, सरोज, रेखा गुसाईं, सीमा थापा, कल्पेश्वरी, बबीता उनियाल, सरिता नौटियाल, सीमा भुवनेश्वरी, राजेश्वरी, चंपा रावत, रोशनी राणा, चंद्रेश्वर सकलानी, उषा रावत, चमन शर्मा, कमला रौथान, अनारी, रमा, कांति बिष्ट, प्रमिला राणा, सुशीला जोशी, सरोज पाल, शकुंतला नेगी, अनीता अग्रवाल, मधु गर्ग, सीमा रानी, पूजा शर्मा, गायत्री, नीरज यादव, लक्ष्मी, ओमवती, नीलम, शिमला, विजया, सीमा पाल, रीना कनौजिया, रीता सिंह, सुनीता पाल आदि शामिल रहीं।
ये हैं मांगे
आशाओं को सरकारी सेवक का दर्जा दिया जाऐ, न्यूनतम वेतन 21 हजार प्रतिमाह हो, वेतन निर्धारण से पहले स्कीम वर्कर की तरह मानदेय दिया जाए, सेवानिवृत्ति पर पेंशन सुविधा हो, कोविड कार्य में लगी सभी आशाओं को भत्ता दिया जाए, कोविड कार्य में लगी आशाओं 50 लाख का बीमा, 19 लाख स्वास्थ्य बीमा का लाभ, कोरनाकाल में मृतक आशाओं के परिवारों को 50 लाख का मुआवजा, चार लाख की अनुग्रह राशि दी जाए। ओड़ीसा की तरह ऐसी श्रेणी के मृतकों के परिवारों विशेष मासिक भुगतान, सेवा के दौरान दुर्घटना, हार्ट अटैक या बीमारी की स्थिति में नियम बनाए जाएं, न्यूनतम 10 लाख का मुआवजा दिया जाए, सभी स्तर पर कमीशन खोरी पर रोक, अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की नियुक्ति हो, आशाओं के साथ सम्मान जनक व्यवहार किया जाए, कोरना ड्यूटी के लिये विशेष मासिक भत्ते का प्रावधान हो।
शासन से वार्ता में ये लिए गए थे निर्णय
-आशाओं को छह हजार का मानदेय देने की पेशकश स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने की। अन्य देय भी मिलते रहेंगे।
– प्रत्येक केन्द्र में आशा रूम स्थापित किये जाऐंगे।
-अटल पेंशन योजना में उम्र की सीमा समाप्त करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा।
-आशाओं के सभी प्रकार के उत्पीड़न एवं कमीशनखोरी पर कार्रवाई होगी।
-अन्य सभी मांगों पर सौहार्दपूर्ण कार्यवाही होगी।
-स्वास्थ्य बीमा की मांग पर समुचित कार्यवाही होगी।
-उपरोक्त सन्दर्भ में शासन द्वारा आवश्यक कार्यवाही के बाद अति शीध्र शासनादेश जारी किया जाएगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।