महाराष्ट्र का सियासी विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, आज होगी सुनवाई
महाराष्ट्र में जारी सियासी लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। महाराष्ट्र कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद से ही राज्य में सियासी उठापटक का दौर चल रहा है।
टीम शिंदे द्वारा दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुबह साढ़े दस बजे ही अवकाशकालीन पीठ और रजिस्ट्रार के सामने अर्जेंट सुनवाई के लिए मेंशन किए जाने की उम्मीद है। इधर, रविवार को टीम शिंदे और मजबूत हो गई। शिवसेना कोटा से मंत्री बनाए गए 9वें विधायक उदय सामंत भी बागी गुट में शामिल हो गए। रविवार को उन्होंने गुवाहाटी की फ्लाइट पकड़ी, जिसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं। उदय सामंत के बागी कैंप में शामिल होने के साथ ही महाराष्ट्र में सत्ता संग्राम और तेज होता दिखाई दे रहा है।
इधर, राज्य में जारी सियासी उथलपुथल के बीच उद्धव एक्शन मोड में आ गए हैं। सूत्रों की मानें तो उन्होंने बागी विधायक जो मंत्री भी हैं के पोर्टफोलियो को छीनने का मन बना लिया है। अगर ऐसा हुआ तो बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे, गुलाबराव पाटिल, दादा भूसे शिंदे, राज्य मंत्री अब्दुल सत्तार और शंभूराजे देसाई की मंत्रीपद जा सकती है।
फिलहाल महाराष्ट्र में जो सियासी समीकरण बन रहा है, उसमें एकनाथ शिंदे गुट के पास दो विकल्प हैं, या तो वे बीजेपी के साथ विलय कर लें या फिर प्रहार जनशक्ति पार्टी के साथ मिल जाएं। ये पार्टी बच्चू कडू की है, जो पहले से ही बागी कैंप में शामिल हैं और गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं। शिंदे गुट की लगातार इसको लेकर बैठकें हो रही हैं।
उधर, महाराष्ट्र में शिवसेना के कार्यकर्ताओं द्वारा बागी विधायकों के कार्यालयों में तोड़फोड़ के मद्देनजर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को पत्र लिखकर राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बलों की पर्याप्त व्यवस्था करने का आग्रह किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बागी विधायकों के कार्यालयों और घरों में तोड़फोड़ के दौरान पुलिस मूक दर्शक बनी रही।
इधर, महाराष्ट्र से शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की अगुवाई में अन्य विधायक गुवाहाटी के जिस आलीशान होटल रैडिसन ब्लू में ठहरे हुए हैं। उसने 30 जून तक सभी नई बुकिंग लेना बंद कर दिया है। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का नेतृत्व करने वाले शिवसेना के बागी विधायक 22 जून से मुंबई से करीब 2,700 किलोमीटर दूर गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं, जिससे पश्चिमी राज्य में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।