राज्य आंदोलन के प्रणेता स्व. इंद्रमणि बडोनी के जन्मदिवस पर कविता- उत्तराखण्ड के गाँधी
स्वनामधन्य इन्द्रमणि बड़ोनी,
लोक संस्कृति के संवाहक थे।
टिहरी के अखोड़ी गाँव में,
24 दिसम्बर 1925 को जन्मे थे।।
गरीब ब्राह्मण परिवार में जन्मे,
कालू देवी व सुरेशानन्द जी के घर।
नमन- वन्दन उन मात-पिता को,
जिन्होंने जन्मा महा जननायक।।
लोक संगीत-साहित्य-कला प्रेमी,
पर्यावरण प्रेमी, राजनीतिज्ञ महान।
सामाजिक सरोकारों से जुड़े हुए,
उत्तराखण्ड को दी एक नई पहचान।। (कविता जारी, अगले पैरे में देखें)
लोक जीवन में रमे रहे, संस्कृति के संरक्षक,
उत्तराखण्ड आन्दोलन के थे वे ध्वजवाहक।
निस्वार्थ सेवा, निश्छल नेतृत्व, सरल व्यक्तित्व,
खेल प्रेमी, ग्रामीण शिक्षा के विस्तारक।।
पहाड़ व पहाड़ के मानस को समझा,
राज्य प्राप्ति हेतु अहिंसक आन्दोलन किया।
वाशिंगटन पोस्ट व बी०बी०सी० लन्दन ने,
‘उत्तराखण्ड के गाँधी’ की संज्ञा से अलंकृत किया।।
उत्तराखण्ड के इस जननायक ने,
उत्तराखण्ड राज्य का सपना संजोया।
राज्य बनने से पहले ही 18 अगस्त 1999 को,
बिट्ठल आश्रम ऋषिकेश से महाप्रयाण किया।।
लोक संस्कृति का संरक्षण कर,
लोक संस्कृति का मान बढ़ाया।
उत्तराखण्ड सरकार ने उनके सम्मान में,
24 दिसम्बर ‘लोक संस्कृति दिवस’ घोषित किया।।
माधव सिंह नेगी
प्रधानाध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय जैली, ब्लॉक जखोली, रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
कविता को स्थान देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद ? ? ? ?