कोरोना को लेकर ललित मोहन गहतोड़ी का लोकगीत-भाज कोरोना
भाज कोरोना भाज….
भाज कोरोना भाज कोरोना भाज कोरोना भाज
तेरी ऐसि तसि कोरोना भाज कोरोना भाज
तेरो बीमारि कोरोना इंसान लागि
तेरी चोटैक मारि डाडाडाड जागि
तेरी खोरी फुटि कोरोना भाज कोरोना भाज
तेरी ऐसि तसि कोरोना भाज कोरोना भाज
दुनिया में तेर कारन मचि हाहाकार
तेरो वंश ढुंग में रैजो अंश बुझी भ्यार
तेरी स्यामत कोरोना भाज कोरोना भाज
अडि मडि ऐसि तसि… भाज कोरोना भाज
वरकि फरकि कोरोना रूपैकि मार
त्वेलै देखा दिय कोरोना दिनमें तारा
तेर मुख क्वेलै पड़ि… भाज कोरोना भाज
कवि का परिचय
नाम-ललित मोहन गहतोड़ी
शिक्षा :
हाईस्कूल, 1993
इंटरमीडिएट, 1996
स्नातक, 1999
डिप्लोमा इन स्टेनोग्राफी, 2000
निवासी-जगदंबा कालोनी, चांदमारी लोहाघाट
जिला चंपावत, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।