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April 12, 2025

ललित मोहन गहतोड़ी का गीत- छोड़ो लौंडे की यारी

छोड़ो
लौंडे की यारी
जैसे गधे की सवारी
सीधी साधी बात भारी
कहती है यह दुनिया सारी
छोड़ो
लौडे की यारी। (जारी, अगले पैरे में देखिए)

लड़का कर देगा बदनाम
इसका एक यही बस काम
मौका ना दो तुम अंजाम
जीना हो सकता है हराम
लौंडेपन की गलती भारी
रह गई कच्ची तरकारी
चाहे जानो जो मजबूरी
सुनो समझो बात पूरी
छोड़ो
लौंडे की यारी। (जारी, अगले पैरे में देखिए)

जिंदा रखना है स्वाभिमान
यहां काम का चलता दाम
होती मुश्किल राह आसान
अवसर मिलते हैं तमाम
आओ छोड़ के सारे काम
जपो रोज राम राम
दुर्घटना से भली दूरी
ये लो मेरी बात पूरी
छोड़ो
लौंडे की यारी।
रचनाकार का परिचय
रचनाकार ललित मोहन गहतोड़ी काली कुमाऊं चंपावत से प्रकाशित होने वाली वार्षिक सांस्कृतिक पुस्तक फुहारें के संपादक हैं। वह जगदंबा कालोनी, चांदमारी लोहाघाट जिला चंपावत, उत्तराखंड निवासी हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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