ललित मोहन गहतोड़ी का कुमाऊंनी गीत-थिरक थिरक
थिरक थिरक…
आ नाच बा नाच ला…
बलि तुम कां छा ला….2
थिरक-थिरक नाच-नाच ला
जम बे नाच ला…2 तकधिन…
तक धिना धिन धिन तला
नाच धिना धिन तिन ताल
थिरक-थिरक नाच-नाच ला
जम बे नाच ला…2 तकधिन…
ढोलै कि ढम ढम झांझरी झन झन
नाचलि नाचलि गोरी छाम छम छम
रिसैनि रसैनि किलै कोप जाछि घम घम
खिस्कनि खिस्कनि कथकै भांगि खम खम
आ नाच बा नाच ला…
नाचो नाचो भांगि नाचो नाच नाच
बांसने को फाटि बलौ फाटि बांस बांस
नाचनें को लिजि चाछि फरांक फरांक
नखरा देखौन बलौ संग मेरा नाचो नाच
आ नाच बा नाच ला…
नाचना नाचनै बलि मन हुछि झम झम
घुमने फिरनै भुलि बात बनि धम धम
कभै कुछि ऊंनि कभै जानि खम खम
बखतै बखतै कतु बात बदलछि टैम टैम
आ नाच बा नाच ला..
रचनाकार का परिचय
रचनाकार ललित मोहन गहतोड़ी काली कुमाऊं चंपावत से प्रकाशित होने वाली वार्षिक सांस्कृतिक पुस्तक फुहारें के संपादक हैं। वह जगदंबा कालोनी, चांदमारी लोहाघाट जिला चंपावत, उत्तराखंड निवासी हैं। उनका कहना है कि जल्द वह फल्गुनी फुहारें का पांचवां विशेषांक प्रकशित करने जा रहे हैं इसमें पिछले सौ वर्ष पूर्व की रचनाकारों की हस्तलिखित पुस्तक के कुछ विशेष रचनाओं का भी प्रकाशन किया जाएगा।

Bhanu Prakash
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।