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April 16, 2025

लखीमपुर हिंसा का आरोपी एवं केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा जेल से रिहा

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में किसानों को कुचलने के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा की मंगलवार को जेल से रिहाई हो गई। हाईकोर्ट ने पांच दिन पहले उनकी जमानत का आदेश दिया था।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में किसानों को कुचलने के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा की मंगलवार को जेल से रिहाई हो गई। हाईकोर्ट ने पांच दिन पहले उनकी जमानत का आदेश दिया था। आशीष मिश्रा इस केस में हत्या के मामले में आरोपी हैं। आशीष मिश्रा की जमानत का आदेश यूपी में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दिन 10 फरवरी को आया था और आज 15 फरवरी की जमानत हुई है।आशीष मिश्रा की जमानत का आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने हत्यारोपी के घटनास्थल पर मौजूद होने की पुलिसिया कहानी पर भी प्रश्नचिन्ह लगाए थे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पुलिस जांच को खारिज कर दिया था। आशीष मिश्रा को जमानत के आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस जांच पर सवाल उठाए। अदालत ने कहा था कि एफआईआर में आशीष मिश्रा को फायरिंग करने वाला बताया गया, लेकिन किसी को भी गोली नहीं लगी। कोर्ट ने कहा कि वाहन चालक को प्रदर्शनकारियों को कुचलने के लिए उकसाने वाला बताया गया, लेकिन चालक और अन्य को प्रदर्शनकारियों ने मार डाला। हाईकोर्ट ने धारा 144 के बावजूद हजारों की भीड़ जुटने पर भी जिला प्रशासन पर सवाल उठाए. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर पुलिस कहानी मानें कि हजारों लोग जमा हो गए थे तो इस बात की आशंका भी हो सकती है कि चालक ने खुद को बचाने के लिए वाहन को तेज करने की कोशिश की जिसके कारण घटना हुई।
वहीं राजनीतिक दलों ने भी आशीष मिश्रा की जमानत को लेकर योगी सरकार और पुलिस की जांच पर सवाल उठाया था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा था कि हत्यारोपी को जमानत मिलना सरकार और पुलिस की जांच पर सवाल खड़े करने वाला है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कहा था कि एक ओर किसानों को गाड़ी से कुचलने के आरोपी को जमानत मिल जाती है, वहीं तमाम लोगों को भेंस चोरी, गाड़ी चोरी के आरोप में जेल भेज दिया जाता है।
गौरतलब है कि आशीष मिश्रा पर तीन अक्टूबर को कथित तौर पर तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ एक विरोध मार्च के दौरान लखीमपुर खीरी में चार किसानों और एक पत्रकार को गाड़ी से कुचलने का आरोप है। ये मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तब ही इसके कुछ दिन बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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