लखीमपुर खीरी हिंसाः हजारों लोगों में सिर्फ 23 चश्मदीद गवाह मिलने से सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार पर जताई हैरानी
यूपी में लखीमपुरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सिर्फ 23 चश्मदीदों की गवाही पर हैरानी जताई। कोर्ट ने कहा कि मौके पर हजारों लोग मौजूद थे, लेकिन सिर्फ 23 चश्मदीद गवाह ही मिले।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि वहां पर चार- पांच हजार लोग थे, जो लोकल थे। साल्वे ने जवाब दिया कि ज्यादातर लोकल थे, लेकिन बाहरी भी थे। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि घटना के बाद भी बड़ी संख्या में लोग थे जो जांच की मांग कर रहे थे। इस पर साल्वे बोले- यहां सवाल चश्मदीदों का है। सीजेआइ ने कहा कि क्या आप जानते हैं कि इन मामलों में हमेशा एक संभावना होती है। साल्वे ने कहा कि हम समझ रहे हैं। सीजेआइ ने कहा अपनी एजेंसी से यह देखने के लिए कहें कि घटना के बारे में बात करने वाले 23 लोगों के अलावा और कितने लोग हैं, जिन्होंने घटना देखी। साल्वे ने पूछा कि क्या हम आपको सीलबंद लिफाफे में गवाहों के कुछ दर्ज बयानों के बारे में दिखा सकते हैं?
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इन चार हजार लोगों में से कई शायद सिर्फ देखने आए थे, लेकिन कुछ लोगों ने चीजों को गंभीरता से देखा होगा और वो गवाही देने में सक्षम हो सकते हैं। साल्वे ने कहा कि गवाह और भी होंगे जो आरोपियों की पहचान कर सकते हैं। CJI ने कहा कि क्या इन 23 चश्मदीद गवाहों में से कोई घायल हुआ है? साल्वे ने कहा -नहीं। दुर्भाग्य से जिन लोगों को चोटें आईं, उनकी बाद में मौत हो गई। सीजेआई ने कहा कि और अधिक जानकारी लें, फिर हम लैब को मामले में तेजी लाने के लिए कह सकते हैं। साल्वे ने कहा- हम अदालत को अगली बार ब्योरा देंगे।
सुनवाई के दौरान सीजेआइ ने कहा कि गवाहों की सुरक्षा का भी एक मुद्दा है। साल्वे ने कहा कि उनको सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मारे गए पत्रकार और एक आरोपी के परिवार की शिकायत पर भी यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार इन शिकायतों पर भी अलग से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे। साथ ही कहा कि सभी गवाहों के बयान जल्द मजिस्ट्रेट के समक्ष हों। यदि मजिस्ट्रेट कम हैं तो जिलाधिकारी नियुक्त करें। साथ ही और चश्मदीद गवाह तलाशे जाएं। मामले में अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी।
बता दें कि 3 अक्टूबर को हुई लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए आठ लोगों में से चार किसान थे, जिन्हें बीजेपी कार्यकर्ताओं को ले जा रहे एक वाहन ने कथित तौर पर टक्कर मार दी थी। अन्य मृतकों में भाजपा के दो कार्यकर्ता और उनका चालक शामिल हैं. इस मामले में केंद्रीय मंत्री टेनी के बेटे आशीष मिश्रा और 12 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। किसानों ने दावा किया है कि अजय मिश्रा का बेटा आशीष एक वाहन में था। हालांकि, इस आरोप का आशीष और उनके पिता ने खंडन किया है। आशीष मिश्रा को इस मामले में नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।