Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 13, 2025

पवनहंस के दिव्यांग मैनेजर की केदारनाथ विधायक ने की पिटाई, उल्टा दिव्यांग पर लगाया आरोप, अब देशभर में दिव्यांग करेंगे आंदोलन

रुद्रप्रयाग जिले में फाटा हेलीपैड पर पवनहंस कंपनी के दिव्यांग (दृष्टिबाधित) मैनेजर की पीटने के बाद अब केदारनाथ विधायक मनोज रावत सफाई देते फिर रहे हैं।

रुद्रप्रयाग जिले में फाटा हेलीपैड पर पवनहंस कंपनी के दिव्यांग (दृष्टिबाधित) मैनेजर की पीटने के बाद अब केदारनाथ विधायक मनोज रावत सफाई देते फिर रहे हैं। इस संबंध में कांग्रेस प्रवक्ता ने भी सच्चाई को जाने बगैर ही विज्ञप्ति जारी कर सरकार की आलोचना की, लेकिन विधायक की ओर से दृष्टिबाधित मैनेजर को पीटने पर एक शब्द तक नहीं बोला। विधायक पर किसी के ऊपर हाथ छोड़ने का अधिकार नहीं है। यदि कोई हाथ छोड़ता है तो इसे गुडागर्दी ही कहा जाएगा। इसके बावजूद विधायक अब पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना संजय गुंज्याल को पत्र लिखकर अपनी सफाई दे रहे हैं। साथ ही कांग्रेस प्रवक्ता ने भी इस संबंध में प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। उधर, नेशनल फेडरेशन आफ द ब्लाइंड ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यदि आरोपी विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तो देश भर में आंदोलन किया जाएगा। वहीं, भारत सरकार के उपक्रम के इस अधिकारी पर ड्यूटी के दौरान किए गए हमले की एफआइआर तक दर्ज न करने पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लाजमी हैं। यहां तक कि पुलिस ने अधिकारी का मेडिकल कराना भी गंवारा नहीं समझा।
गौरतलब है कि केदारनाथ जाने के लिए क्षेत्रीय विधायक मनोज रावत रुद्रप्रयाग जिले में फाटा स्थित पवनहंस कंपनी के हेलीपैड पर पहुंचे। यहां उन्होंने मैनेजर को बताया कि उन्हें केदारनाथ में सीएम के कार्यक्रम में जाना है। इसके लिए उन्हें बुलाया गया है। इस पर मैनेजर ने कहा कि फ्री उड़ान के संबंध में अभी कोई अनुमति नहीं मिली है। इसके बावजूद वह चेक कर रहे हैं। साथ ही अन्य उच्च अधिकारियों से बात कर रहे हैं। यहां ये भी बताना जरूरी है कि मैनेजर दृष्टिबाधित हैं। आरोप है कि विधायक ने मैनेजर की पिटाई कर दी। इस काम में उनके समर्थक भी आगे रहे। यहां तक मैनेजर के कपड़े तक फाड़ दिए गए हैं। इस घटना के विरोध में समस्त हेली कंपनियों ने दो घंटे सेवाएं भी बाधित रखी।  दीपावली पर्व पर नोएडा से अपने बच्चों को छोड़कर केदारनाथ धाम में सेवा कर रहे मैनेजर पर ही उल्टे विधायक आरोप लगा रहे हैं। इस संबंध में मैनेजर ने पुलिस को तहरीर भी दी है। वहीं, इसके उलट विधायक मनोज रावत ने पुलिस महानिरीक्षक को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
विधायक से सवाल
यदि कोई परेशानी थी तो उन्हें उच्च अधिकारियों से बात करनी चाहिए थी। किसी पर हाथ उठाना क्या ये देवभूमि के विधायकों पर शोभा देता है। यही नहीं जिस मैनेजर पर विधायक ने हाथ उठाया वो भी इसी देवभूमि के हैं और उत्तराखंड के टिहरी जनपद के निवासी हैं। साथ ही वह दृष्टिबाधित हैं। ऐसे में दृष्टिबाधित दिव्यांग पर हाथ उठाने के विधायक के कृत्य को क्या सही ठहराया जा सकता है। अपनी गलती के लिए माफी मांगने की बजाय विधायक एक तो चोरी और दूसरे सीनाजोरी वाली कहावत चरितार्थ कर रहे हैं। क्योंकि विधायक दिव्यांग पर ही आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने मेरी अंगुली काट दी। अपने कार्यकर्ताओं, अंगरक्षकों और दल बल के साथ मौजूद विधायक की ओर से ऐसे आरोप लगाना किसी के गले नहीं उतरेगा।
फेडरेशन ने दी आंदोलन की चेतावनी
नेशनल फेडरेशन आफ द ब्लाइंड के प्रदेश सचिव पीएस चौहान ने कहा कि ड्यूटी पर तैनात दिव्यांग मैनेजर के साथ विधायक और समर्थकों की ओर से की गई मारपीट निंदनीय घटना है। रुद्रप्रयाग प्रशासन और पुलिस को इस मामले की जांच कर आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये भी शर्मनाक है कि दिव्यांग की पिटाई के बाद भी पुलिस ने एफआइआर तक दर्ज नहीं की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को संगठन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाएगा। साथ ही नेशनल फेडरेशन आफ द ब्लांइड के राष्ट्रीय महासचिव एसके रुंगटा ने स्वयं उनके इस घटना की जानकारी ली। यदि जल्द ही इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती तो ये मामला देशव्यापी स्तर पर उठाया जाएगा। वहीं, इस संबंध में कई लोगों ने कांग्रेस विधायक की इस करनी से सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को ट्विट के माध्यम से अवगत कराया है।
पुलिस महानिरीक्षक को विधायक का पत्र
विधायक ने पुलिस महानिरीक्षक को पत्र लिखा है-इसमें जरा भी बदलाव न करते हुए वैसा ही दिया जा रहा है।

श्री संजय गुंज्याल, आई0पी0एस0
पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना,
उत्तराखंड।
कल 9.17 प्रातः श्री बी डी सिंह जी, ACEO चार धाम देवस्थानम बोर्ड ने मुझे अबिलम्ब माननीय मुख्यमंत्री जी की बैठक हेतु केदारनाथ आने का आग्रह किया। मैने उन्हें जिला या राज्य प्रशासन के किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कहलाने के लिए कहा तो उनके फोन से आपने मुझे अभिलंब माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड के साथ बैठक हेतु केदारनाथ पहुंचने का आग्रह किया गया। मुझे पता है कि आप IG intelligence हैं और आपको इस तरह के महत्वपूर्ण समय में किसी को अनोपचारिक रूप से आमंत्रित करने का अधिकार प्राप्त है।  मुझे बाद में  पता चला कि जब आपने मुझे बैठक हेतु आमंत्रित किया तो वहां पर उस समय केदारनाथ जी के सभी तीर्थ पुरोहित मौजूद थे।
मैंने भी तुरंत अपने आवास चंद्रापुरी से केदारनाथ जाने की तैयारी कर दी।  इस बीच मेरे मेरे साथ तैनात स्टाफ से रुद्रप्रयाग जिले के एलआईयू इंस्पेक्टर की वार्ता हुई कि , माननीय विधायक केदारनाथ जी को केदारनाथ बुलवाने के लिए अगस्तमुनि या चंद्रापुरी विशेष हेलीकॉप्टर भेजा जा सकता है। मैंने कहा कि उन्हें कह दो कि विशेष हेलीकॉप्टर मत भेजिये  गुप्तकाशी नजदीक है। हम वहां से हेलीकॉप्टर लेकर बैठक हेतु केदारनाथ पंहुच जाएंगे। मैं 9:57 के लगभग जब  गुप्तकाशी से पहले सेमी गांव में जब पहुंचा तो मैंने आपको (श्री गुंज्याल) को और श्री बी डी सिंह को फ़ोन कर उस नजदीकी हेलीपैड जिससे मुझे केदारनाथ जाना है की जानकारी हेतु फ़ोन करना शुरू किया। जब कई बार फ़ोन करने पर भी फ़ोन नहीं उठा तो मैंने मेरे साथ केदारनाथ  साथ चल रहे जिला पंचायत सदस्य श्री गणेश तिवारी जी से gmvn में मौजूद जिला हेली नोडल अधिकारी श्री नौटियाल से सबसे नजदीकी हेलीपैड जिससे मुझे केदारनाथ से उड़ना है था में संदेश भेजने के लिए कहा गया।  उन्होंने पवन हंस जाने के लिए कहा। मैं और श्री गणेश तिवारी 10.05 के लगभग पवन हंस पंहुच गए। जंहा लगभग 1 घंटे खड़े रहे । वहां मौजूद पुलिस और स्थानीय प्रशासन के किसी अधिकारी और कर्मचारी को मेरे केदारनाथ जाने और माननीय मुख्यमंत्री की बैठक में सम्मलित होने के बिषय में पता नही था। 1 घंटे हेलीपैड पर इंतजार के दौरान मेरे सामने पुलिस के कांस्टेबल, फॉलवेर्स आदि लगभग 5 -6 उड़ानों में केदारनाथ गए। मैं लगभग एक घंटा पवनहंस हेलीपैड पर रुका। इस बीच मैंने आपको तथा श्री वी डी सिंह को लगभग 20 से 25 कॉल की। आप दोनों लोगों ने फोन नहीं उठाया। फिर आपका फोन आया कि आपको पवन हंस से केदारनाथ भेजने की बात करते हैं । इस बीच हेली कंपनी के का मैनेजर और उसके साथी कर्मचारी मुझसे अपमानजनक व्यवहार करने लगे मेरे साथ मिलकर अभद्र व्यवहार किया हाथापाई करने की कोशिश की गई और मेरी उंगली दांत से काट दी।
मैं यह समझ नहीं पाया हूं कि एक तरफ आप लोगों (सरकार) के द्वारा त्योहार के दिन और जब मैं अपने नजदीकी रिश्तेदार के दाह-संस्कार में जा रहा था। तब  जल्दी माननीय मुख्यमंत्री जी की बैठक विशेष हेलीकॉप्टर भेज कर केदारनाथ बुलानेकी बात की जा रही थी और दूसरी तरफ मैं स्वयं जब गुप्तकाशी पहुंचा और डेढ़ घंटे के अंतराल में वहां वहां हेलीपैड से पुलिस के सिपाही तथा फॉलोअर्स मेरे सामने कई बार हेलीकॉप्टर से केदारनाथ गए। लेकिन पुलिस महानिरीक्षक के आग्रह पर मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री की बैठक हेतु केदारनाथ जा रहे विधायक केदारनाथ के केदारनाथ जाने के बारे में किसी को कोई सूचना नहीं थी साथ ही आपने और श्री बी डी सिंह ने मेरे लगभग 25 फ़ोन कॉल का जबाब नही दिया। मेरा मानना है कि यह मेरे, केदारनाथ जी की जनता और चार धामों के हक-हकूक धारियों तथा पूरे सनातनियों के साथ कोई बड़ा षडयंत्र था । क्योंकि जिस बैठक हेतु मुझे बुलाया गया था उसमें केदारनाथ जी और चार धाम देवस्थानम बोर्ड के बारे में सम्भवतः बड़े निर्णय होने थे।
क्योंकि जिला नोडल अधिकारी हेलीकॉप्टर / जिला पर्यटन अधिकारी रुद्रप्रयाग  के अथवा पुलिस द्वारा उसी हेलीकॉप्टर कंपनी से 1 घंटे में मेरे सामने कई कर्मचारियों ने उड़ान भरी और एक विधायक को बुला कर उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया हो ये बिना उच्च स्तरीय संरक्षण के संभव नही है। इसलिए जिला पर्यटन अधिकारी तथा अन्य कर्मचारियों और कंपनी की भूमिका की जांच की जानी आवश्यक है । मैं हमेशा केदारनाथ जी टिकट खरीद कर जाता हूँ और कंपनियों की दलाली व गुंडागर्दी का विरोध करता हूँ इसलिए मेरे साथ आपराधिक घटना की गई। इन सभी मामलों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए , तभी जन प्रतिनिधि भविष्य में सरकार का सहयोग कर पाएंगे या अधिकारियों के मौखिक आग्रह पर अपना सम्मान बचाते हुए बैठकों में आ पाएंगे।
कांग्रेस गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा मेहरा दसौनी का बयान
कल छोटी दीवाली के त्यौहार के दिन मुख्यमंत्री के केदारनाथ दौरे के दौरान केदारनाथ विधायक श्री मनोज रावत जी को संजय गुंज्याल जी का फोन गया और उन्होंने माननीय विधायक से कहा कि आप जिस भी हालत में है तुरंत मुख्यमंत्री और तीर्थ पुरोहितों की बैठक के लिए केदारनाथ चले आइए। हम आपको लेने के लिए विशेष विमान भेज रहे हैं। परंतु विशेष विमान तो छोड़िए विधायक की करोड़ों हेलीपैड पर खड़े रहने के बावजूद उन्हें भी साधारण नहीं मिला। केदारनाथ विधायक वहाँ न पहुंच पाए इसका भरसक प्रयास किया गया लगातार अधिकारियों को फोन करने के बावजूद किसी ने रिस्पांस नहीं किया। प्रशासन के द्वारा हर बार यही किया जाता है जब जब प्रधानमंत्री मोदी का दौरा होता है तो केदारनाथ विधायक का अपमान करने की साजिश रची जाती है। इस तरह का रवैया सरकार की तानाशाही की ओर इंगित करता है विपक्ष के विधायकों का अपमान करना तो जैसे इस डबल इंजन और प्रचंड बहुमत की सरकार की आदत सी हो गई है
उत्तराखंड कांग्रेस की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी ने इस पूरे घटनाक्रम की निंदा करते हुए राज्य सरकार से इस घटना की जांच की अपेक्षा की है द सोनी ने कहा की एक तो प्रशासन की तरफ से सादर आमंत्रण विधायक केदारनाथ को भेजा जाता है, वहीं दूसरी ओर इस तरह से घंटों इंतजार करवा कर और फोन का जवाब ना दे कर लानत मलामत की जाती है जोकि अत्यंत निंदनीय है। गरीमा दसोनी ने कहा यदि मुख्यमंत्री जी स्वयं संवेदनशील है तो इस मामले की तह तक जाकर जो भी इस तरह के षड्यंत्र में सम्मिलित अधिकारी है उसे दंडित करें।
पढ़ें: केदारनाथ विधायक की गुंडागर्दी, फोकट में केदारनाथ जाने को पवनहंस के दृष्टिबाधित मैनेजर से की मारपीट, दो घंटे बंद रही हेली सेवाएं

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page