केदारनाथ उपचुनावः दो पूर्व विधायक आशा नौटियाल और मनोज रावत में होगा मुकाबला, पिछले चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे थे रावत
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आखिरकार केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव के प्रत्याशी को लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने पत्ते खोल दिए। कांग्रेस ने मनोज रावत और बीजेपी ने आशा नौटियाल को प्रत्याशी बनाया है। दोनों ही पूर्व विधायक हैं। दोनों चुनाव जीते भी और हारे भी हैं। यहीं नहीं, पिछले विधानसभा के चुनाव में मनोज रावत तो तीसरे नंबर पर रहे। यदि बीजेपी में ऐसा होता तो बुरी तरह हारने वाले प्रत्याशी पर दोबारा दांव नहीं लगाती। क्योंकि बीजेपी को सीटिंग विधायक तक को भी कई बार मौका नहीं देती है। वहीं, कांग्रेस ने एक बार फिर से पूर्व विधायक पर ही दांव लगाया है। उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है। केदारनाथ उपचुनाव में 29 अक्टूबर को नामांकन की आखिरी तारीख है। ये बात समझ से परे है कि जब कांग्रेस को मनोज रावत को ही टिकट देना था तो प्रत्याशी की घोषणा करने में इतने दिन क्यों लगा दिए। पहले घोषित कर दिया जाता तो प्रत्याशी भी अपने प्रचार में जुट जाते। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बीजेपी प्रत्याशी आशा नौटियाल केदारनाथ विधानसभा से दो बार विधायक रह चुकी हैं। वह पार्टी की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष हैं। इसके अलावा नौटियाल बूथ सशक्तिकरण अभियान की प्रदेश सहसंयोजक भी हैं। पूर्व विधायक आशा नौटियाल का जन्म 12 जून 1969 को हुआ। ग्रेजुएशन के बाद नौटियाल का राजनीतिक जीवन 1990 में शुरू हुआ।
उन्होंने 1990 में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ली थी और 1996 में पहली बार निर्विरोध जिला पंचायत सदस्य चुनी गई। इसके बाद 1997 में महिला मोर्चा की रुद्रप्रयाग की जिला उपाध्यक्ष चुनी गईं और साल 1999 में रुद्रप्रयाग जिले की महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष बनीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्य के गठन के बाद पहले विधानसभा चुनाव में साल 2002 में आशा नौटियाल केदारनाथ सीट से विधायक निर्वाचित हुई। इसके अलावा 2007 में भी आशा नौटियाल लगातार दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुईं, लेकिन 2012 में कांग्रेस प्रत्याशी शैला रानी रावत से आशा नौटियाल को हार का सामना करना पड़ा। पूर्व विधायक आशा नौटियाल शराब आंदोलन और उत्तराखंड आंदोलन में 1994 से 1997 में भी काफी सक्रिय रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पिछले चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे थे मनोज रावत
वहीं कांग्रेस उम्मीदवार मनोज रावत ने 2022 में इसी सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। पार्टी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया है। 1970 में जन्मे रावत के राजनीतिक करियर को देखें तो वह 2017 में कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने थे, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में वह तीसरे स्थान पर रहे थे। बुरी हार के बावजूद रावत अपने क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे हैं। रावत एआईसीसी के सदस्य हैं। उन्होंने राजनीति में आने से पहले एक पत्रकार के रूप में काम किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस में कई दावेदार थे, जिसमें पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, जिला अध्यक्ष कुंवर सजवान, लक्ष्मण रावत जैसे नामों के साथ ही अन्य कई नाम शामिल हैं। हालांकि इन सब को पीछे छोड़ते हुए कांग्रेस ने पूर्व विधायक मनोज रावत को टिकट दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज नामांकन पर्चा दाखिल करेंगे रावत
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन मथुरादत्त जोशी ने बताया कि कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत आज 28 अक्टूबर, 2024 को जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में अपना नामांकन दाखिल करेंगे। इस अवसर पर पार्टी के सभी वरिष्ठ प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, राष्ट्रीय सचिव एवं प्रदेश सहप्रभारी सुरेन्द्र शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, गणेश गोदियाल, डॉ. हरक सिंह रावत, उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापडी, सुरेन्द्र सिंह नेगी, मंत्री प्रसाद नैथानी, लखपत सिंह बुटोला, विरेन्द्र जाति, विधानसभा उपचुनाव प्रभारी विक्रम सिंह नेगी, मनोज तिवारी, सहप्रभारी ललित फर्स्वाण एवं जयेन्द्र रमोला, जिलाध्यक्ष कुंवर सजवाण सहित पार्टी के विधायकगण व वरिष्ठ नेतागण एवं बडी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।