जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने शासन, वेतन विसंगति समिति के सम्मुख रखा अपना पक्ष
उत्तराखंड के शिक्षक, कार्मिकों की लंबे समय से चली आ रही वेतन विसंगतियो के समाधान को लेकर शासन की ओर से गठित उच्च स्तरीय समिति के समक्ष प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रदेश संयोजक मंडल ने अपनी समस्याएं रखी।
शिक्षकों ने छठे वेतनमान से चली आ रही वेतन विसंगतियों के सम्यक निराकरण करने को अपन पक्ष रखा। इसमें 01जनवरी 2006 के बाद चयन बेतनमान पाए उक्त शिक्षकों को मूल शासनादेशो, विभागीय प्रस्तावों के क्रम में रु 17140 पुनरीक्षित वेतन में विकल्प की अनुमन्यता दिए जाने, वित्त शासनादेश के तहत 01अप्रैल 2009 से जब शैक्षणिक संवर्ग में इन शिक्षकों को षष्टम वेतनमान का वास्तविक लाभ दिए गया तो पुनः 27 दिसम्बर 2018 तक इनका वेतन नोशनली (प्राकल्पित) किए जाने की व्याप्त त्रुटी को दूर किए जाने, बरिष्ठ एवं कनिष्ठ शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर किए जाने, सप्तम वेतनमान में जारी मूल शासनादेशो के क्रम में शिक्षकों को चयन/प्रोन्नत वेतनमान स्वीकति पर वेतनबृद्धि लाभ दिए जाने, वसूली को निरस्त किए जाने सम्बन्धी प्रमुख मांगे वेतन विसंगति समिति के सम्मुख रखा।
सकारात्मक वार्ता के साथ ही शासन की वेतन विसंगति समिति की ओर से यथोचित कार्यवाही का भरोसा दिया गया। वहीं संघ के निवर्तमान प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बहुगुणा ने आशा व्यक्त की है कि संघ की निरन्तर पूर्व से चली आ रही मांग के क्रम में शिक्षकों की लम्बे समय से चली आ रही वेतन विसंगतियों का शासन स्तर पर गठित उच्च स्तरीय समिति सम्यक विचार कर अपेक्षित कार्यवाही करेगी। वार्ता में उत्तराखंड शासन के पूर्व मुख्य सचिव एवं समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह, सदस्य सचिव एवं अपर सचिव वित्त गंगा प्रसाद, अपर सचिव वित्त अमिता जोशी, वित्त अधिकारी भगवत सिंह तथा संघ की ओर से मुख्य संयोजक, जिलाध्यक्ष देहरादून रघुवीर सिंह पुण्डीर, संयोजक जिलाध्यक्ष हरिद्वार पवन सैनी, संयोजक अध्यक्ष पौड़ी कुंवर राणा शामिल रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।