जियो ने फाइल किए चार हजार से अधिक पेटेंट, भारत सरकार ने दिया राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा पुरस्कार
टेक्नोलॉजी कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड (जेपीएल) को दो प्रतिष्ठित बौद्धिक संपदा पुरस्कार मिले हैं। एक ओर भारत सरकार ने जियो प्लेटफॉर्म्स को राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा पुरस्कार से सम्मानित किया। वहीं प्रौद्योगिकी और नवाचार में असाधारण उत्कृष्टता के लिए वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन (WIPO) ने जियो प्लेटफॉर्म्स को ट्रॉफी से नवाजा है। नई दिल्ली में हुए एक समारोह में केंद्रिय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह सम्मान दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वैश्विक स्तर पर कंपनी ने पिछले तीन वर्षों में 4 हजार से अधिक पेटेंट दायर किए हैं। इनमें से अधिकतर पेटेंट दूरसंचार, डिजिटल प्रौद्योगिकियों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्रों में दाखिल किए गए हैं। आसान भाषा में कहें तो ज्यादातर पेटेंट 5जी, 6जी और AI तकनीकों के विकास और उनसे संबंधित प्रौद्योगिकी क्षेत्रों से हैं। इन तकनीकों पर अभी तक विदेश कंपनियों का वर्चस्व माना जाता था। जियो द्वारा इतनी बड़ी तादाद में दाखिल पेटेंट बताते हैं कि अब जियो जैसी एक भारतीय कंपनी, टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वर्ल्ड लीडर के तौर पर स्थापित हो चुकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड (जेपीएल) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आयुष भटनागर ने जेपीएल के लिए पुरस्कार प्राप्त करते हुए कहा कि ये पुरस्कार इनोवेशन को लेकर हमारी प्रतिबद्धता के गवाह हैं। हम केवल तकनीकों पर ही काम नही कर रहे; हम ऐसी क्षमताएँ विकसित कर रहे हैं जो 5G, 6G और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगी और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में हमें आगे खड़ा करेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बताते चलें कि भारत सरकार 6जी विजन को साकार करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और जियो इस तकनीकी रेस में अभी सबसे आगे खड़ा दिखाई दे रहा है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि जेपीएल की बौद्धिक संपदा रणनीति भारत सरकार के ‘विकसित भारत 2047’ से जुड़ी हुई है, जिसका उद्देश्य तकनीकी नवाचार, डिजिटल परिवर्तन और स्वदेशी तकनीकी क्षमताओं के विकास के माध्यम से भारत को एक आत्मनिर्भर और विकसित अर्थव्यवस्था में बदलना है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




