दुकान पर ताला लगाना भूला ज्वैलर्स, फिर रात को हुआ ऐसा, चौंक जाएंगे आप
ऋषिकेश में एक आभूषण की दुकान में रात को शटर तो नीचे गिरा दिया गया, लेकिन दुकान स्वामी अपने जिस भांजे को दुकान संभालने की जिम्मेदारी देकर निकले, वही दुकान में ताला लगाना भूल गया। अब चोरों के लिए खुली दुकान थी। भीतर लाखों के आभूषण भी अलमारी की बजाय शीशे के शो केश में सजे थे। फिर भी दुकान बच गई। इसका कारण ऋषिकेश पुलिस के कांस्टेबल प्रशांत और होमगार्ड मयंक की सतर्कता के साथ ही सूझबूझ रहा। दुकान स्वामी से जब सामान को चेक कराया गया तो उसने राहत की सांस ली। साथ ही पुलिस का धन्यवाद भी अदा किया।
गत रात करीब दो बजे ऋषिकेश में गश्त के दौरान कांस्टेबल और होमगार्ड ऋषिकेश के श्यामपुर क्षेत्र का भ्रमण कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने ज्वेलरी मार्केट के तालों को चेक किया तो चौंक गए। गढ़वाल ज्वेलर्स नाम की दुकान के ताले लगे ही नहीं थे। सिर्फ कुंडे पर लटके हुए थे। जैसा ताले खोलने के दौरान लटका दिया जाता है। ये दुकान वैभव भारद्वाज की है। इस पर इन कर्मियों ने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर दुकान खोली तो देखा कि भीतर सामान व्यवस्थित है। सभी जेवरात शो केश में रखे मिले।
इस पर पुलिस ने दुकान के बोर्ड पर लिखे मोबाइल नंबर पर फोन किया और फोन उठाने वाले को दुकान के ताले खुले होने की सूचना दी। इस पर दुकान स्वामी मौके पर पहुंचा। सामान चेक किया तो सुरक्षित पाया गया। दुकान स्वामी वैभव भारद्वाज निवासी अमित ग्राम गुमानीवाला श्यामपुर ने पुलिस को बताया कि कल सायं वह अपने भांजे को दुकान पर बैठा कर आवश्यक कार्य से हरिद्वार चले गए थे। भांजे आदित्य ने रात्रि में दुकान का शटर नीचे कर दिया। बाहरी लॉक तो लगा दिया, लेकिन शटर पर ताले लगाना भूल गया। वह देर रात्रि हरिद्वार से वापस आए, इसलिए दुकान पर नहीं जा पाए। उन्होंने इसे दोनों की लापरवाही स्वीकार किया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।