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December 15, 2025

जन आशीर्वाद यात्रा, परिवर्तन रैली हो सकती है तो रामलीला क्यों नहीं, रामलीलाओं को लेकर असमंजस, नहीं मिल रही अनुमति

सवाल उठता है कि जब चारधाम यात्रा शुरू हो गई। स्कूल खुल गए, सरकारी कार्यालय पूरी क्षमता के साथ खुले हैं, मॉल व बाजार खुल रहे हैं, कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा निकल सकती है, भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा और आप की रोजगार गारंटी यात्री भी निकाली जा सकती हैं, तो रामलीलाओं का मंचन क्यों नहीं हो सकता है।

इन दिनों पितृपक्ष चल रहे हैं। अंतिम श्राद्ध छह अक्टूबर को है। इसके ठीक अगले दिन से नवरात्र शुरू हो जाएंगे। नवरात्र के साथ ही त्योहारी सीजन भी शुरू हो जाता है। साथ ही शुरू होता है रामलीलाओ का आयोजन। पिछले साल कोरोनाकाल के चलते रामलीलाओं का आयोजन नहीं हो सका। कई रामलीला पंडालों में प्रतीकात्मक रूप से एक दिन का आयोजन करके शुरू से अंत तक की रामलीला मंचित कर दी गई। हालांकि दर्शक भी नहीं बुलाए गए थे। इस बार भी रामलीलाओं के मंच में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में रामलीला समितियां जिला प्रशासन के अधिकारियों के चक्कर काट रही हैं, लेकिन अनुमति फाइलों में दबी पड़ी है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब चारधाम यात्रा शुरू हो गई। स्कूल खुल गए, सरकारी कार्यालय पूरी क्षमता के साथ खुले हैं, मॉल व बाजार खुल रहे हैं, कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा निकल सकती है, भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा और आप की रोजगार गारंटी यात्री भी निकाली जा सकती हैं, तो रामलीलाओं का मंचन क्यों नहीं हो सकता है।
एसओपी का हवाला देकर नहीं मिली अभी अनुमति
अब बात करते हैं देहरादून में पुरानी रामलीलाओं में शुमार राजपुर स्थित वीरगिरवाली में आदर्श रामलीला सभा की। इस वर्ष यहां की रामलीला 72वें साल में प्रवेश कर रही है। पिछले साल यहां प्रतीकात्मक रूप से सिर्फ एक दिन रामलीला का मंचन किया गया था। इस साल आयोजकों को उम्मीद है कि रामलीला का मंचन होगा, लेकिन अभी तक अनुमति नहीं मिली है। इस संबंध में आयोजकों ने राजपुर थाने के साथ ही नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय पर अर्जी दी है। वहां से बताया गया है कि कोरोना संबंधित गाइडलाइन में रामलीलाओं का जिक्र नहीं है। ऐसे में रामलीला के मंचन को अनुमति नहीं दी जा सकती है।
कलाकारों ने कर रखी है पूरी तैयारी
किसी जमाने में राजपुर की रामलीला को देखने से लिए देहरादून शहर के दूर दराज क्षेत्र के लोगों के साथ ही पैदल मार्ग से मसूरी के लोग भी आते थे। देवनंदी शैली की इस रामलीला को लोग बखूबी पसंद करते हैं। यहां रामलीला का मंचन दूसरे नवरात्र से शुरू किया जाता है। यदि इस बार रामलीला होती है तो आठ अक्टूबर से यहां शुरू होगी। इस बार यहां रामलीला के आयोजन को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है। आदर्श रामलीला सभा के प्रधान योगेश अग्रवाल के मुताबिक यदि प्रशासन के अनुमति मिलती है, तब जाकर बैनर व पर्चे की छपाई आदि का कार्य शुरू किया जाएगा। रामलीला का आयोजन लोगों के चंदे से होता है, ऐसे में चंदा तभी एकत्र किया जाना है, यदि अनुमति मिल जाए। उन्होंने कहा कि कलाकारों ने तो अपनी पूरी तैयारी कर रखी है, लेकिन प्रशासन की अनुमति पर ही इंतजार है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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