केंद्र सरकार के राज्यों को निर्देश, महामारी कानून के तहत रिपोर्ट किए जाएं ब्लैक फंगस के सारे केस
भारत में म्यूकर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस का प्रकोप बढ़ा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अहम निर्देश देते हुए कहा है कि म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) को महामारी कानून के तहत Notifiable disease में अधिसूचित करें।

भारत में म्यूकर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस का प्रकोप बढ़ा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अहम निर्देश देते हुए कहा है कि म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) को महामारी कानून के तहत Notifiable disease में अधिसूचित करें और सभी केस रिपोर्ट किए जाएं। इसके मायने यह हैं ब्लैक फंगस के सभी पुष्ट और संदिग्ध केस, स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट किए जाएंगे। ब्लैक फंगस के मामले कोरोना से रिकवर हो चुके मरीजों पर देखे जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ज्वॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने राज्यों को लिखे लेटर में कहा कि सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को ब्लैक फंगस के स्क्रीनिंग, डायग्नोसिस और मैनेजमेंट के गाइडलाइंस का पालन करना होगा।
गौरतलब है कि अकेले महाराष्ट्र राज्य में ही अब तक ब्लैक फंगस के 1500 केस रिपोर्ट हो चुके हैं और 90 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। राजस्थान और तेलंगाना पहले ही ब्लैक फंगस को महामारी (Epidemic)घोषित कर चुक हैं। तमिलनाडु में भी इस बीमारी के 9 केस रिपोर्ट हुए है, उसने भी ब्लैक फंगस को Public Health Act के अंतर्गत नोटिफाई किया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि mucormycosis का असर चेहरे, नाक, आंखों और दिमाग पर हो सकता है। यह फेफड़ों में भी फैल सकता है। इसके आंखों की रोशनी जाने का भी खतरा हो सकता है। उत्तराखंड में ही इसके करीब 50 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें 42 एम्स में ही आए हैं। जहां दो मौत हो चुकी है। एक मरीज को स्वस्थ होने पर छुट्टी दे दी गई है। यूपी में भी बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।