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September 25, 2024

देवभूमि मानव संसाधन विकास ट्रस्ट की पहल, राज्य में खोला पहला ऑक्सीजन बैंक, सेवा प्राथमिकता, राजनीति दूसरे नंबर परः धस्माना

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उत्तराखंड की अग्रणी सामाजिक संस्था देवभूमि मानव संसाधन विकास ट्रस्ट की ओर से राज्य का पहला गैर सरकारी ऑक्सीजन बैंक का विधिवत शुभारंभ कर दिया गया।

उत्तराखंड की अग्रणी सामाजिक संस्था देवभूमि मानव संसाधन विकास ट्रस्ट की ओर से राज्य का पहला गैर सरकारी ऑक्सीजन बैंक का विधिवत शुभारंभ कर दिया गया। शुक्रवार को ट्रस्ट के अध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना की अध्यक्षता में इंद्रानगर वसंतविहार क्षेत्र के रॉयल इन पैलेस में सम्पन्न एक भव्य कार्यक्रम में पद्मभूषण डॉक्टर अनिल प्रकाश जोशी, पदमश्री कल्याण सिंह रावत, पूर्व स्वास्थ महानिदेशक डॉक्टर आरपी भट्ट, आरोग्य धाम अस्पताल के एमडी डॉक्टर विपुल कंडवाल, गढ़वाल विश्विद्यालय के पूर्व कुलसचिव हीरा लाल उपाध्याय, सीएसआर विशेषज्ञ डॉक्टर अनिल जग्गी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर इसका उद्घाटन किया।

ऑक्सीजन बैंक की स्थापना को एक बहुत ही सकारात्मक पहल करार देते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात पर्यावरणविद पद्मभूषण डॉक्टर अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि समाज में नेतृत्व करने वाले नेता की यही सोच होनी चाहिए जो सूर्यकांत धस्माना की है। उन्होंने कहा कि वे धस्माना को पिछले 25 वर्षों से जानते हैं और उन्होंने हमेशा उनको इसी प्रकार से समाज के लिए काम करते देखा है। उन्होंने कहा कि आज देश और दुनिया के मानव जाति को उनकी पर्यावरण व प्रकृति के प्रति उपेक्षा की सजा मिल रही है।

उन्होंने कहा कि जो सांसें हमको प्रकृति मुफ्त में देती है। उन सांसों के लिए हमें तड़पना पड़ा और लाखों रुपये खर्च कर भी अनेक करोड़पतियों को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिली और वे तड़प कर मर गए। यह मानव जाति को प्रकृति और पर्यावरण का साफ संदेश है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने कहा कि सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में कोविड काल में जो सेवा उनकी टीम ने की, उसकी जितनी प्रशंशा की जाय वो कम है। उन्होंने कहा कि देवभूमि मानव संसाधन विकास ट्रस्ट के सांसें अभियान अपने आप में एक अभिनव प्रयास है। इसकी कल्पना और उसे यथार्थ में कर देना सूर्यकांत धस्माना जैसे लोगों के बस की बात है। रावत ने कहा कि पूरे देहरादून व पूरे राज्य ने कोविड काल की दूसरी लहर में देखा कि जो काम सरकार के बड़े बड़े दायित्वधारी नहीं कर पा रहे थे, वो काम सूर्यकांत धस्माना कर रहे थे।
राज्य के पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक डॉक्टर आरपी भट्ट ने कहा कि समाज में दो तरह के लोग होते हैं। एक वो जो किसी समस्या के प्रति संवेदनशील होते हैं और स्वयं आगे बढ़ कर समस्या का समाधान करते हैं। दूसरे वे होते हैं जो समस्या के प्रति चिंता जाहिर तो करते हैं, किंतु उसके समाधान के लिए कोई पहल नहीं करते। डॉक्टर भट्ट ने कहा कि धस्माना पहली श्रेणी वाले व्यक्तित्वों में हैं, जो हमेशा ही समस्याओं के प्रति न केवल जागरूक व चिंतित रहते हैं। साथ ही आगे बढ़ कर उनके समाधान के लिए प्रयास करते हैं। उनकी इसी सोच का नतीजा आज का कार्यक्रम है। इसमें उन्होंने किविड की तीसरी लहर के प्रति केवल चिंता जाहिर कर अपने कर्तव्य की इतिश्री नहीं की गई, बल्कि उससे लड़ने के लिए तैयारी कर ली।
आरोग्य धाम अस्पताल के एमडी डॉक्टर विपुल कंडवाल कोविड काल में  धस्माना के कार्यों का स्मरण करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा नेता नहीं देखा जो सुबह से रात तक लोगों के इलाज के लिए केवल फोन से नहीं, बल्कि स्वयं दौड़ दौड़ कर प्रयास कर रहा था। अपनी एम्बुलेंस में मरीजों को अस्पताल ला रहा था और उनको घर पर एम्बुलेंस में ऑक्सीजन के सिलेंडर पहुंचा रहा था। उन्होंने कहा कि दिन में कई कई बार लोगों के लिए फोन और वो भी विनम्रता से आग्रहपूर्वक ! उन्होंने कहा कि कई बड़े लोगों से मरीजों के लिए बेड के लिए मेरी लड़ाई हो गयी, लेकिन जब भी धस्माना जी का फोन आया मैं उनको मना नहीं कर पाया। मुझे पता था कि वे अपने किसी रिश्तेदार के लिए नहीं, बल्कि किसी आम जरूरतमंद के लिए मदद मांग रहे हैं।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में सूर्यकांत धस्माना ने ऑक्सीजन बैंक की स्थापना के पीछे की प्रेरणा का जिक्र करते हुए अपने कॉलेज के जमाने के गुरु डॉक्टर एसके कुलश्रेष्ठ का जिक्र किया। उनके द्वारा उनके फेस बुक की एक पोस्ट में ऑक्सीजन बैंक स्थापित करने के लिए कमेंट कर लोगों की मदद करने के लिए प्रेरित किया गया था। धस्माना ने दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी और फिर ऑक्सीजन बैंक बनाने व लोगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के संस्मरण सुनाए। उन्होंने स्थायी ऑक्सीजन बैंक बनाने में विशेष रूप से हंस फाउंडेशन की माता मंगला जी व भोले महाराज का विशेष रूप से जिक्र किया।
धस्माना ने कहा कि आज जब हम तीसरी लहर के द्वार पर खड़े हैं, ऐसे में हमने ये संकल्प लिया है कि हर जरूरतमंद की मदद की जाएगी। कोविड काल में ऑक्सीजन समेत किसी भी प्रकार की सहायता किसी भी नागरिक को आवश्यकता होगी तो ट्रस्ट उसे उपलब्ध कराएगा। धस्माना ने कहा कि उनके जीवन में पहली प्राथमिकता जरूरतमंद की सेवा है। राजनीति उसके बाद है। अगर आवश्यकता पड़ी तो वे लोगों की सेवा के लिए राजनीति का त्याग भी कर देंगे।
उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में तबाही का मंजर वे कभी भूल नहीं सकते जब लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया और कई लोग कोई तो अपने माता पिता, कोई भाई कोई पति कोई पत्नी कोई मित्र के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाए। धस्माना ने कहा कि उन्होंने लोगों के दुख व पीड़ा बांटने के लिए कोविड19 शहीद श्रद्धाजंलि यात्रा शुरू की और उन परिजनों से मिले, जिन्होंने अपने प्रिय लोगों को खोया। धस्माना ने अपनी इस यात्रा के संस्मरण भी साझा किए और कहा कि हम परम पिता परमेश्वर वो जिस रूप में भी है भगवान, अल्लाह, वाहे गुरु या गौड उससे प्रार्थना करते हैं कि पूरी दुनिया की मानवता को इस वैश्विक महामारी से छुटकारा दिलवाए। धस्माना ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया व अंत में मौन रखकर सभी ने कोविड काल में प्रदेश देश व दुनिया में मृत लोगों के लिए प्रार्थना की।
कार्यक्रम की शुरुआत में ट्रस्ट के सचिव डॉक्टर अनिल जग्गी ने सभी अतिथियों का परिचय करवाकर सभी को शाल पहनाकर व पुष्प कली दे कर सम्मानित करवाया। ऑक्सीजन वितरण में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पिया थापा व राशन वितरण में ट्रस्ट को सहयोग के लिए हरि राव को शाल पहनाकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन देवभूमि मानव संसाधन विकास ट्रस्ट की महिला शशक्तिकरण कार्यक्रम की निदेशक सुप्रिया धस्माना ने किया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार एसएमए काज़मी, डॉक्टर दीपक बिष्ट, डॉक्टर प्रियंका धस्माना, पार्षद कोमल वोहरा, डॉक्टर रोहित अरोड़ा, डॉक्टर अश्वनी हजेला,डॉक्टर संजय नेगी, प्रमोद कुमार गुप्ता, मंजू त्रिपाठी, अल्ताफ अहमद, जया गोलानी, विजय शाही, कुलदीप जखमोला, आशीष अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, एसपी बहुगुणा, गौतम सोनकर, अनुज दत्त शर्मा, राजेश उनियाल, आनंद सिंह पुंडीर, अवधेश कुमार, राम कुमार थपलियाल समेत अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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