भारतीय दूतावास ने भारतीयों के लिए जारी की एडवाइजरी, यूक्रेन को अस्थायी रूप से छोड़ने की सलाह
रूस और यूक्रेन के बीच कई दिनों से जारी तनातनी के बीच दुनिया के कई देश वहां पर अपने काम समेटने में लगे हैं। भारत सरकार ने भी अब यूक्रेन संकट को लेकर एडवायजरी जारी कर दी है।

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के मंडराते खतरे के बीच, वहां स्थित भारतीय मिशन ने भारतीय छात्रों, विशेषकर उन छात्रों को, जिनका रहना आवश्यक नहीं है, स्वदेश लौटने को कहा है। जो लोग यूक्रेन में रूके रहेंगे उन्हें दूतावास के संपर्क में रहना होगा। संयुक्त राज्य अमेरिका भी अपने यूक्रेन दूतावास के संचालन को राजधानी कीव से पश्चिमी शहर ल्वीव में स्थानांतरित कर रहा है।
यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के मंडराते खतरे के बीच, वहां स्थित भारतीय मिशन ने भारतीय छात्रों, विशेषकर उन छात्रों को, जिनका रहना आवश्यक नहीं है, स्वदेश लौटने को कहा है। जो लोग यूक्रेन में रूके रहेंगे उन्हें दूतावास के संपर्क में रहना होगा। संयुक्त राज्य अमेरिका भी अपने यूक्रेन दूतावास के संचालन को राजधानी कीव से पश्चिमी शहर ल्वीव में स्थानांतरित कर रहा है।
रूस ने यूक्रेन को तीन तरफ से घेरा
दोनों देशों के बीच सीमा पर लगातार तनाव बरकरार है। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर हथियारों और सैनिकों की बड़ी संख्या को तैनात कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यूक्रेन की सीमा पर 1.3 लाख सैनिकों की तैनाती की गई है। साथ ही रूस ने टैंक, भारी हथियार और मिसाइलों को भी यूक्रेन की ओर तैनात कर दिया है। रूस ने यूक्रेन को तीन तरफ से घेर लिया है।
ब्राजील के राष्ट्रपति मॉस्को रवाना
यूक्रेन पर रूस के हमले की पश्चिमी देशों की आशंका के बावजूद ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो सोमवार शाम को मॉस्को के लिए रवाना हो गए। बोलसोनारो का यह कदम अमेरिका सरकार और उसके कैबिनेट मंत्रियों समेत उन लोगों के लिए हताशा भरा है, जिन्होंने उन्हें रूस की यात्रा रद्द करने का सुझाव दिया था। इस बीच जर्मनी के चांसलर ने यूक्रेन पहुंच कर देश पर रूसी हमले की आशंकाओं को टालने का प्रयास किया।
अमेरिका ने दी रूस को चेतावनी
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने रूस को यूक्रेन पर आक्रमण करने की स्थिति में गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। साथ ही इस मुद्दे के कूटनीतिक समाधान पर जोर दिया है। व्हाइट हाउस की प्रधान उप प्रेस सचिव कैरीन जीन पियरे ने संवाददाताओं से कहा कि हम संकट को कम करने के लिए एक राजनयिक समाधान तक पहुंचने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। सप्ताहांत में बाइडन ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ बात की और हम अपने सहयोगियों तथा भागीदारों के साथ पूर्ण समन्वय में रूस की सरकार के साथ जुड़े हुए हैं।
रूस के पास कूटनीति का रास्ता
उन्होंने कहा कि अगर रूस इस मुद्दे पर रचनात्मक रुख का विकल्प चुनता है तो कूटनीति का रास्ता उपलब्ध है। हालांकि, हम रूस द्वारा जमीन पर उठाए जा रहे कदमों को देखते हुए इस बात की संभावनाओं को लेकर स्पष्ट हैं। बाइडन ने स्थिति पर चर्चा करने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से संपर्क किया। व्हाइट हाउस ने इस बातचीत का ब्योरा देते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन और रूस के साथ अपने हालिया राजनयिक संबंधों पर चर्चा की।
उन्होंने यूक्रेन की सीमाओं पर रूस के निरंतर सैन्य जमावड़े के जवाब में चल रहे राजनयिक और कूटनीतिक प्रयासों की भी समीक्षा की और यूक्रेन की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की। व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने नाटो के पूर्वी हिस्से पर रक्षात्मक मुद्रा को मजबूत करने के प्रयासों पर चर्चा की और सहयोगियों एवं भागीदारों के बीच निरंतर घनिष्ठ समन्वय को रेखांकित किया। इसमें हमले की स्थिति में रूस पर गंभीर परिणाम थोपने की तत्परता भी शामिल है।