Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

May 29, 2025

दुनिया की चौथी अर्थव्यवस्था बना भारत, प्रति व्यक्ति आय की बुरी हालत, कर्ज में डूबे उत्तराखंड के परिवार के सात लोगों ने की आत्महत्या

हमें जो दिखाया और पढ़ाया जा रहा है, क्या आपने उस पर मनन करने का प्रयास किया। इस खबर में हम कई खबरों को लेकर विश्वेषण करेंगे। इनमें सबसे पहली खबर ये है कि भारत दुनिया की चौथी अर्थव्यवस्था बन गया और वो भी जापान को पछाड़कर। इससे अच्छी बात और कुछ नहीं हो सकती है। फिर भी सवाल ये है कि यदि भारत इतनी बड़ी हम अर्थव्यस्था बन गए हैं तो सब कुछ अच्छा है क्या। क्या सबके दिन अच्छे आ गए हैं। क्योंकि देश की करीब 140 जनसंख्या में 81 करोड़ लोग मुफ्त के अनाज पर निर्भर हैं। ऐसे में ये अर्थव्यवस्था के सपने किसके लिए हैं। साथ ही सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारत की इस बड़ी अर्थव्यवस्था में आम आदमी का क्या योगदान है। देश की प्रतिव्यक्ति आय कितनी है। या फिर कुछ गिने चुने लोगों के हाथ में ही पूरे देश की पूंजी है। फिर इससे देश को क्या फायदा होने वाला है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये है नई जानकारी और हकीकत
जापान को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गया है। इस बाबत बीते दिनों नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा था कि वैश्विक और आर्थिक माहौल भारत के अनुकूल है। भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। इसे लेकर अब कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि भारत ने 4 ट्रिलियन डॉलर का जीडीपी आंकड़ा पार कर लिया है। हम जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं। ये बहुत अच्छा है. यानी हम बहुत पीछे हैं। हमारी जनसंख्या ज़्यादा है, ये बड़ी वजह है जो ये हुआ। वरना जिस जापान को हमने पीछे छोड़ा उसकी प्रति व्यक्ति आय हमसे 12 गुना ज्यादा है। जिस UK को पहले हमने पीछे छोड़ा वो 20 गुना आगे है। प्रति व्यक्ति आय में हम दुनिया में हम 136वें नंबर पर हैं। बंगलादेश हमारे साथ है। हमसे नीचे कांगो और पाकिस्तान जैसे देश हैं। इस पर हम संतोष कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

होता नहीं कर्ज माफ, बड़े उद्यमियों को छूट
भारत में छोटे व्यापारी, किसान में किसी के कर्ज माफी की खबर आपको भले ही ना मिले, लेकिन बड़े उद्योगपतियों को लेकर ऐसी जानकारी मिल जाएगी। देश में भारतीय बैंकों ने बीते दस साल में 16.35 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को राइट ऑफ यानी माफ किया है। वहीं, छोटा तबका कर्ज ना चुकाने पर आत्महत्या कर रहा है। ऐसा ही एक मामला हरियाणा के पंचकूला से सामने आया है। जहां उत्तराखंड के निवासी एक परिवार ने सामूहिक आत्महत्या की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

साथ लोगों ने की आत्महत्या, देहरादून के रहने वाले थे सभी मृतक
हरियाणा के पंचकूला से दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। जहां एक ही परिवार के सात लोगों ने आत्महत्या ली है। पीड़ित परिवार के लोग देहरादून के रहने वाले थे। ये लोग हनुमंत कथा में शामिल होने के लिए देहरादून से पंचकूला पहुंचे थे। सामूहिक रूप से आत्महत्या की यह घटना पंचकूला के सेक्टर 27 की है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि इन लोगों ने गाड़ी में जहर खाकर आत्महत्या की। सभी का शव पंचकूला के सेक्टर 27 स्थित एक मकान के बाहर सड़क पर खड़ी गाड़ी में मिले। बताया जा रहा है कि परिवार के लोग कर्ज में थे और आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हनुमंत कथा में शामिल होने पहुंचा था परिवार
दरअसल, देहरादून निवासी प्रवीण मित्तल अपने परिवार सहित पंचकूला में आयोजित बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। कार्यक्रम खत्म होने के बाद देहरादून वापस जाते हुए उन्होंने सामूहिक आत्महत्या का यह कदम उठाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मौके से सुसाइड न्यूज बरामद
मृतकों में देहरादून निवासी 42 वर्षीय निवासी प्रवीण मित्तल, उनके माता-पिता, प्रवीण की पत्नी और 2 बेटी और एक बेटा शामिल हैं। पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट बरामद किया है। पंचकूला की डीसीपी हिमाद्री कौशिक और डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर अमित दहिया ने भी मौके पर स्थिति का जायजा लिया है। मृतकों में दो की पहचान प्रवीन मित्तल और उनके पिता देशराज मित्तल के रूप में हुई है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page