त्रिवेंद्र राज में हाई कोर्ट नैनीताल ने दिए थे राजस्व पुलिस की जगह रेगुलर पुलिस के आदेश, तब सरकार ने किया था विरोधः धस्माना

पत्रकारों से बाचचीत में धस्माना ने कहा कि इसका जीता जागता उदाहरण है कि वर्ष 2018 में इस बाबत माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल ने बाकायदा राज्य सरकार को यह निर्देशित किया था कि राज्य में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही राजस्व पुलिस व्यवस्था को समाप्त कर छह माह के भीतर रेगुलर पुलिस तैनात की जाय। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तब गृह विभाग भी देख रहे थे। उन्होंने उच्च न्यायालय के निर्णय को लागू करवाने के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दायर कर दी। मामले का आज तक पता नहीं। उसका दुष्परिणाम अंकिता भंडारी हत्याकांड में सामने आ गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि अगर 2018 का उच्च न्यायालय का निर्णय त्रिवेंद्र सरकार ने लागू कर दिया होता तो शायद अंकिता भंडारी के मामले को सुलझाने में इतनी देर न होती। धस्माना ने अंकिता हत्याकांड की जांच सीबीआइ से न्यायिक देख रेख में करवाने की मांग की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बता दें कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत गंगा भोगपुर स्थित रिसोर्ट से 18 सितंबर की रात से संदिग्ध परिस्थितियों में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी लापता हो गई थी। इस मामले में राजस्व पुलिस ने समय पर मुकदमा तक दर्ज नहीं किया। बाद में ये मामला रेगुलर पुलिस को सौंपा गया। पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि हत्या कर उसका शव चीला नहर में फेंक दिया गया था। इस मामले में रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पूर्व बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य है। पुलकित आर्य रिजॉर्ट का मालिक है। विनोद आर्य और उनके दूसरे बेटे अंकित आर्य को बीजेपी ने निष्कासित कर दिया है।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।