एसजीआरआर महाविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में छात्रों को भारतीय मानक ब्यूरो की विस्तार से दी गई जानकारी

कार्यशाला में भारतीय मानक ब्यूरो के अभिजीत सिंह ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो के माध्यम से ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। इसमें कम उम्र में ही छात्रों को मानकीकरण और गुणवत्ता की अवधारणाएं बताई जाती है। बीआईएस ने 2021-22 के अपने पहले वर्ष में पूरे भारत में 1037 मानक क्लबों की स्थापना की और इस नए प्रयास की क्षमता और सफलता को महसूस करने के बाद 2022-23 के अंत तक महत्वाकांक्षी रूप से 10,000 क्लब बनाने का लक्ष्य रखा गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि बीआईएस का उद्देश्य इन मानक क्लबों के माध्यम से कक्षा 9वीं और उससे ऊपर की कक्षाओं के विज्ञान के छात्रों को छात्र केंद्रित गतिविधियों की मदद से गुणवत्ता और मानकीकरण की अवधारणा से अवगत कराना है। बच्चों को जिन मूल्यों से अवगत कराया जाता है, वे उनके प्रारंभिक वर्षों में उनके युवा दिमाग में गहराई से बैठ जाते हैं और एक बल गुणक के रूप में कार्य करते हैं। जो राष्ट्र के भविष्य को बदलने की क्षमता रखते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सरिता त्रिपाठी ने बताया कि आईएसआई भारत में औद्योगिक उत्पादों के लिए एक प्रमाणीकरण चिह्न है। भारत में बेचे जाने वाले उत्पादों को प्रमाणित करने के लिए आईएसआई चिह्न अनिवार्य है। लोगों को प्रमाणित वस्तुएं ही खरीदनी चाहिए। साथ साथ होलोग्राम के महत्व को भी समझाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस कार्यशाला में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर मधु डी सिंह, मुख्य नियंता डॉक्टर हर्षवर्धन पंत, एनएसएस प्रभारी डॉ आनंद सिंह राणा, डॉक्टर विवेक कुमार, एनसीसी प्रभारी डॉ महेश कुमार एवं महाविद्यालय शिक्षक डॉ संदीप नेगी, डॉ हरीश जोशी, डॉ राकेश ढोडियाल, डॉ सुमंगल सिंह और डॉ अरविंद नौटियाल आदि उपस्थित थे।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।