यदि सूख रही है आपके गमले में लगी तुलसी, तो करें ये उपाय, फिर से पौधा हो जाएगा हरा भरा, जानिए इसके लाभ

तुलसी के पौधे का महत्व धर्म और अध्यात्म की दृष्टि से भी काफी है, वहीं इसका संबंध इंसान की सेहत से भी जुड़ा है। तुलसी के पौधे जहां ज्यादा ऑक्सीजन देते हैं, वहीं इसकी पत्तियां विभिन्न रोगों का निवारण करती हैं। वहीं, मान्यता है कि यदि तुलसी का पौधा यदि सूखता है तो मां लक्ष्मी नाराज होती हैं। आपके परिवार में झगड़े बढ़ने लगते हैं और अचानक से पैसों की कमी महसूस होने लगती है। कई बार ज्यादा धूप के चलते और अन्य कारणों से तुलसी का पौधा सूखने लगता है। इसके लिए हम आपको आसान उपाय बता रहे हैं, जिससे पौधा फिर से हरा भरा नजर आने लगेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सही मिट्टी का उपयोग
तुलसी के पौधे को बढ़ने के लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसलिए इसे कभी भी ज्यादा पानी ना दें। ऐसा करने से तुलसी की जड़ों में फंगस और बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। इससे तुलसी का पौधा जल्द ही सूख जाता है। इस पौधे को लगाने के लिए आप गमले में जितनी मिट्टी का प्रयोग करें, उसका 30 फीसदी हिस्सा रेत का भी इस्तेमाल करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सही गमले का इस्तेमाल करें
तुलसी का पौधा लगाने के लिए सही गमले का होना भी बहुत ज़रूरी है। इस पौधे को हमेशा चौड़े मुंह वाले गमले में ही लगाएं और गमले के नीचे पानी निकलने के लिए दो छेद करने भी बहुत ज़रूरी हैं। ऐसा करने से तुलसी की जड़ों में ज्यादा पानी इकट्ठा नहीं होगा और यह सही तरीके से बढ़ेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तुलसी को धूप से ऐसे बचाएं
तेज धूप में तुलसी के पौधे को झुलसने से बचाने के लिए उस पर लाल रंग की चुनरी या फिर लाल रंग का सूती कपड़ा ओढ़ा दें। आप चाहें तो तुलसी को सीधी धूप से बचाने के लिए उस पर हल्का मलमल का कपड़ा डाल दें। चाहें तो इसका स्थान कुछ दिनों के लिए बदल सकते हैं। तुलसी का गमला ऐसे स्थान पर रख दें तो कुछ देर लिए धूप छांव रहती हो। ध्यान रखें कि तुलसी का स्थान बदलने में उसकी दिशा न बदले। तुलसी का पौधा सदैव उत्तर या फिर पूर्व दिशा में ही रहना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तुलसी के पौधे में कच्चा दूध डालें
तुलसी के पौधे में नमी बनी रहे इसके लिए सप्ताह में कम से कम एक बार तुलसी की जड़ में कच्चा दूध डालना चाहिए। ध्यान रहे कि कच्चे दूध में पानी मिलाकर ही तुलसी के जड़ में डालें, वरना फंगस लग सकता है। गुरुवार के दिन ऐसा करना शुभ माना जाता है। इसके साथ आप चाहें तो तुलसी का पौधा गमले में लगाते समय उसमें सबसे नीचे नारियल के रेशे रख दें। उसके ऊपर मिट्टी डालें और फिर तुलसी का पौधा लगाएं। ऐसा करने से भी तुलसी को धूप में पर्याप्त नमी बनी रहती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तुलसी की मंजरी हटा दें
तुलसी पर जब मंजरी आने लगे तो उसे हटाते चलें। वरना तुलसी की ग्रोथ ठीक से नहीं हो पाती है। तुलसी की मंजरी को हटाकर भगवान विष्णु के चरणों में अर्पित कर दें। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होंगे और आपकी तुलसी भी तेजी से बढ़ेगी। इसका प्रयोग आप बीज की तरह भी कर सकते हैं। मंजरी को सुखाकर गीली मिट्टी में डाल दें तो उससे तुलसी के नए पौधे निकल आएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तुलसी में ऐसे डालें खाद
तुलसी के पौधे के लिए गाय के गोबर की खाद सबसे सही और उपयोगी होती है। तुलसी में गोबर की खाद ऐसे ही सीधे न डाल दें। ऐसा करने पौधे में फंगस लग सकता है। इसके लिए गोबर की खाद को ठीक से सुखा लें और फिर इसे मिट्टी के साथ मिलाकर तुलसी के पौधे में डालें। ऐसा करने से आपके पौधे को जरूरी पोषक तत्व भरपूर मात्रा में प्राप्त होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
समय-समय पर करें छटाई
किसी भी पौधे की ग्रोथ के लिए ज़रूरी है कि समय-समय पर उसकी छटाई की जाए. तुलसी के पौधे के लिए भी छटाई करना बहुत ज़रूरी है. अक्सर देखने में आता है कि लोग तुलसी के पौधे की समय पर छटाई नहीं करते, जिससे यह लगातार बढ़ता जाता है. इसकी पत्तियां कम होती जाती हैं. पत्तियों की ग्रोथ के लिए ज़रूरी है कि इसकी ऊपरी पत्तियों की समय-समय पर काट दिया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तुलसी के पत्तों के फायदे
एंटीऑक्सीडेंट और महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर तुलसी को इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, तनाव के स्तर को कम करने समेत कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। स्वास्थ्य और ताकत को बेहतर बनाने के लिए तुलसी की चाय पीने या अपनी दैनिक जीवन में 5-6 पत्तियों को शामिल करने का प्रयास करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बढ़ जाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
तुलसी में प्रचुर मात्रा में विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो फ्लू, अस्थमा, बुखार और सामान्य सर्दी जैसी सामान्य बीमारियों के इलाज में सहायता करते हैं। तुलसी के पत्तों को चबाना या तुलसी के साथ उबाला हुआ पानी पीना सर्दी और गले की खराश के लक्षणों को कम करने में प्रभावी हैं। इसके अलावा, तुलसी के पत्तों के फायदों में कुछ कैंसर पैदा करने वाली और एचआईवी पैदा करने वाली कोशिकाओं की वृद्धि को कम करना भी शामिल है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ब्लड प्रेशर को करता है कम
हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने वाली तुलसी की पत्तियां खाने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। पवित्र तुलसी सिरदर्द, चिंता, डिप्रेशन, अनिद्रा और हाई ब्लड प्रेशर के लिए एक प्रभावी उपचार है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन्फेक्शन होता है ठीक
पौधे की एंटीवायरल, एंटीफंगल, जीवाणुरोधी और एंटीफंगल विशेषताओं के कारण, तुलसी का उपयोग सदियों से घावों और इन्फेक्शन के इलाज के लिए किया जाता रहा है। इसके अतिरिक्त, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने और घाव भरने में तेजी लाने में सहायता करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कीड़े के काटने का इलाज
ताजी तुलसी की पत्तियां त्वचा की कई समस्याओं, जैसे- दाद या कीड़े के काटने, को ठीक करने का एक सरल और प्रभावी तरीका है। प्रभावित जगह पर तुलसी के पत्तों का रस लगाएं. पवित्र तुलसी में प्राकृतिक सूजन रोधी और दर्द निवारक गुण होते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डायबिटीज लेवल होता है नियंत्रित
जिन लोगों को टाइप 2 डायबिटीज है उनके लिए तुलसी की पत्तियां कई फायदे पहुंचाती हैं। वहीं, तुलसी डायबिटीज के लेवल को नियंत्रित करने के साथ ही इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करती है। यानी तुलसी का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ेगा और शरीर को कार्बोहाइड्रेट और लिपिड के प्रोसेसिंग में मदद मिलती है।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।