भ्रष्टाचार पर नकेल नहीं कसी तो राज्य का हर नागरिक दबेगा कर्ज के बोझ तले: जोत सिंह बिष्ट
उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और राज्य सरकार लगातार चुनावी मोड में रहने के कारण देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रसातल तक पहुंचाने पर आमादा है। केंद्र सरकार ना तो बैंक घोटालों को रोक पा रही है ना ही अर्थव्यवस्था को दुरुस्त कर पा रही है।एक बयान में उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बीते कई महीनों से महाराष्ट्र में शिवसेना गठबंधन सरकार को गिराने के षड्यंत्र में व्यस्त रही। साथ ही देश के नौजवानों का भविष्य अधर में डालने के लिए अग्निपथ योजना लागू की गई। सरकार के मंत्री अग्निपथ योजना को समझाने और धमकाने में व्यस्त रहे और इसका यह परिणाम है कि नीरव मोदी और विजय माल्या से बहुत बड़े बैंक घोटाले को अंजाम देने में अजय चंद्रा और संजय चंद्रा सफल हुए और विदेश भाग गए।
ठीक इसी प्रकार उत्तराखंड राज्य की सरकार पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में बातें तो बहुत बड़ी-बड़ी कर रही है, लेकिन अपने अफसरों को घोटाले करने से नहीं रोक पा रही है। राज्य सरकार ने बजट सत्र में स्वीकार किया है कि उनकी सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष के अनुपूरक बजट की रकम से ज्यादा धनराशि विकास कार्यों में खर्च नहीं कर पाई है।
उन्होंने कहा कि सन 2000 में अस्तित्व में आए तीन राज्यों में से उत्तराखंड का हर व्यक्ति सबसे अधिक कर्जदार है। आज राज्य का प्रति व्यक्ति ₹74 हज़ार का कर्जदार है, जबकि उत्तराखंड के साथ बने राज्य छत्तीसगढ़ का व्यक्ति 34 हजार का और झारखंड का प्रत्येक व्यक्ति 27 हजार का कर्जदार है। इससे ही अनुमान लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार राज्य के बजट का उपयोग जनहित में और विकास कार्यों में करने के बजाय पैसे का दुरुपयोग कर रही है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार की जनविरोधी नीतियों के साथ-साथ सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार पर पैनी नजर रखे हुए है। सरकार एक अधिकारी को गिरफ्तार करके अपनी पीठ थपथपाने के बजाय राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार पर हकीकत में नकेल कसने के लिए काम करें। नहीं तो राज्य कर्ज के बोझ में दब जाएगा और राज्य के प्रत्येक व्यक्ति पर कर्ज बढ़ता जाएगा। जो ना ही राज्य के हित में है और ना ही जनता के हित में है।





