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November 11, 2024

41 लोगों की जान बचाने वाले रैट माइनर का तोड़ दिया घर, उत्तराखंड में विपक्षी दल नींद में

पिछले साल उत्तरकाशी में फंसे 41 लोगों की जान बचाने वाले रैट माइनर वकील हसन के मकान को दिल्ली डिवेलपमेंट अथॉरिटी ने बुलडोजर से गिरा दिया। ये वही व्यक्ति हैं, जिसके साथ उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी सहित दिल्ली तक के नेताओं से फोटो खिंचवाकर वाहवाही लूटी थी। इस मामले में उत्तराखंड के विपक्षी दलों के नेताओं की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई। वहीं, ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार 29 फरवरी को इस मसले को उठाते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर इससे जुड़ी फोटो भी शेयर की। वहीं, उत्तराखंड के किसी भी दल और नेता की ओर से इसे लेकर कोई प्रेस नोट जारी नहीं होने से साबित होता है कि वे गहरी नींद में सोए हुए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डीडीए ने तोड़ डाला घर
नई दिल्ली डीडीए ने उत्तराखंड टनल में फंसे 41 लोगों की जान बचाने वाली रेट माइनर दल के सदस्य वकील हसन के घर को अवैध बताकर तोड़ दिया। वकील हसन और उनके साथी मुन्ना कुरैशी ने जब डीडीए की कार्रवाई का विरोध किया तो पुलिस उन दोनों को उठाकर थाने ले गई। आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रात आठ बजे थाने से छोड़ा, तब तक उनका पूरा मकान ध्वस्त किया जा चुका था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

लगाए गए ये आरोप
वकील हसन ने बताया कि वह 2012 से सोनिया विहार स्थित 74 वर्गगज मकान में परिवार के साथ रह रहे है। इस मकान की रजिस्ट्री 1982 की है। उन्होंने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ किसी काम से अपनी ससुराल गए हुए थे। सुबह 10 बजे के करीब डीडीए के अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उनका आरोप है कि पुलिस और डीडीए के कर्मचारियों ने पहले जबरन उनके बच्चों को घर से बाहर निकाला। इसके बाद घर का सामान बाहर निकालकर उनके मकान को तोड़ दिया। उनके साथी मुन्ना कुरैशी ने फोन कर इस घटना की सूचना दी तो वह तुरंत सोनिया विहार स्थित अपने घर पहुंच गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड के नेता चुप्प, ओवैसी ने जताया विरोध
इस मामले में उत्तराखंड के किसी भी विपक्ष के नेता की प्रतिक्रिया नहीं आई। कई विपक्ष के नेताओं को फोन मिलाया गया, लेकिन उन्होंनें फोन रिसीव तक नहीं किया। वहीं, ओवैसी ने सोशल मीडिया में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि डीडीए ने रैट माइनर वकील हसन के मकान को बुलडोजर से गिरा दिया है। नोटिस तक नहीं दिया, बुलडोजर तब चलाया गया जब वकील के बच्चे उनके घर पर अकेले थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने लिखा कि वकील और उनके साथियों ने अपनी जान की बाजी लगा कर उन 41 लोगों को बचाया था जो उत्तरकाशी में फंसे थे। किसी भी सभ्य समाज में उन्हें राष्ट्रीय नायक का दर्जा दिया जाता, लेकिन शायद उनका नाम वकील हसन है। इसलिए मोदी राज में उनके लिए सिर्फ बुलडोजर, एनकाउंटर वगैरह मुमकिन है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वकील हसन ने डीडीए पर लगाया ये आरोप
रैट माइनर वकील हसन ने इस मामले में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि दिल्ली के खजूरी खास स्थित श्रीराम कॉलोनी में 2023 में उन्होंने 80 गज का एक प्लॉट 38 लाख रुपये में खरीदा था। तब उन्हें नहीं पता था कि ये डीडीए की जमीन है। उन्होंने जिंदगी भर की कमाई, पत्नी के जेवर और गांव का प्लॉट बेचकर यहां मकान बनाया था। वकील हसन ने आरोप लगाया है कि डीडीए ने उनसे पैसे मांगे थे और नहीं देने पर घर गिराने की कार्रवाई की गई। वकील हसन का कहना है कि डीडीए ने ये कार्रवाई तब की जब वह घर पर नहीं थे। मकान गिराने से पहले डीडीए के अफसरों ने उन्हें कोई नोटिस भी नहीं दिया। अगर उन्हें उनका घर वापस नहीं मिला तो वह अनशन करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा था। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका था। तब इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। टनल के अंदर फंसने वाले मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के थे। चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है। 24 नवंबर से मशीन से खुदाई ठप हो गई थी। इसके बाद हाथ से खुदाई की गई और मंगलवार 28 नवंबर की रात रेस्क्यू के 17वें दिन श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया। हाथ से खुदाई को ही रैट माइनिंग कहा जाता है। रैट माइनिंग के हीरो का अब मकान ढहा दिया गया है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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