कोरोना वैक्सीन कब आएगी-पता नहीं, युद्ध स्तर पर चल रही लगाने की तैयारी, पहले चरण में उत्तराखंड में 20 लाख होंगे लाभांवित
भारत में कोरोना वैक्सीन कब आएगी। इसका फिलहाल किसी को पुख्ता पता नहीं है। फिर भी इस महामारी से निपटने के लिए भविष्य की योजनाओं पर धरातल पर होमवर्क शुरू हो गया है। इससे उत्तराखंड भी अछूता नहीं है। इस राज्य में भी कोरोना वैक्सीन को लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए स्वास्थ्य महकमा जुटा हुआ है। वालिंटियर चिह्नित कर लिए गए हैं। पहले चरण में बीस लाख लोगों को कोरोना का टीका लगाने का लक्ष्य भी रखा गया है।
स्वयंसेवी संस्थाएं भी आई आगे
कोरोना वैक्सीनेशन के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं भी स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन को अपना नाम लिखा रही हैं। इन संस्थाओं का कहना है कि वे इस कार्य के लिए शासन और प्रशासन की हर संभव मदद को तैयार हैं। भारत विकास परिषद ने तो सभी जिले के जिलाधिकारियों को अपने स्वयंसेवकों की सूची तक सौंप दी है। जो कोरोना वैक्सीन लगाने के दौरान वृद्ध, बीमार या जरूरतमंद लोगों को तलाशने में मदद करेंगे। साथ ही वैक्सीन के रखरखाव, परिवहन आदि के लिए मदद को तैयार रहेंगे।
उत्तराखंड में भंडारण की तैयारी
उत्तराखंड में कोरोना वैक्सीनेशन (टीकाकरण) के पहले चरण में तकरीबन 20 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने टीकाकरण के लिए अभी तक सरकारी और निजी क्षेत्र के 93889 स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं को चिह्नित कर लिया है। राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय और ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। कोराना वैक्सीन के परिवहन व भंडारण की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्य भी जल्द शुरू किया जा रहा है।
2021 में जून तक वैक्सीन आने की उम्मीद
प्रदेश में कोरोना वैक्सीन अगले वर्ष जून तक मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। केंद्र सरकार ने इसके लिए प्रदेश को तैयारियां करने को कहा है। प्रदेश में इसके लिए काम भी शुरू हो गया है। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियों के संबंध में कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुतिकरण किया। बताया गया कि पहले चरण में तीन प्रकार की श्रेणियों को टीकाकरण के लिए चिह्नित किया जा रहा है। इसमें स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता, फ्रंट लाइन वर्कर और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त रोगी शामिल हैं।
रूबेला अभियान में 28 लाख को लगाई गई थी वैक्सीन
प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग वर्ष 2007-18 में मीजल्स रूबेला अभियान के तहत 28 लाख लोगों को तीन माह में वैक्सीन लगा चुका है। प्रदेश में ऐसे क्षेत्रों को भी चिह्नित किया गया है, जो उच्च जोखिम वाले हैं। इनमें बस्तियां, ईंट भट्टे, बंजारे व कठिन पहुंच वाले क्षेत्र शामिल हैं। टीकाकरण के लिए राज्य, जिला व ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। वैक्सीन लगाने के लिए बूथ बनाए जाएंगे। यहां वैक्सीन लगने के बाद के प्रभाव पर भी नजर रखी जाएगी। टीका रखने के लिए कोल्ड चेन की स्थापना की जा रही है। जिन उपकरणों की कमी है, उनके लिए भारत सरकार से मांग की गई है। यह भी बताया गया कि अभी वैक्सीन को लेकर सुस्पष्ट जानकारी प्राप्त नहीं है। ऐसे में इसे लेकर कोई दावा नहीं किया जा सकता।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।