सुप्रीम कोर्ट में रचा गया इतिहास, पहली बार नौ जजों ने एकसाथ ली शपथ, इनमें तीन महिलाएं शामिल

भारत की सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार 31 अगस्त को इतिहास रचा गया है। पहली बार 9 जजों ने मंगलवार को एक साथ पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने इन्हें शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण करने वालों में महिला जज, जस्टिस बीवी नागरत्ना भी शामिल हैं। शपथ लेने वाले इन 9 जजों में जस्टिस बीवी नागरत्ना सहित तीन महिला जज हैं. इसके साथ ही शीर्ष अदालत में जजों की संख्या 24 से बढ़कर 33 पहुंच गई है। सभी 9 नए जज अलग-अलग राज्यों से संबंधित हैं।
इससे पहले इतनी संख्या में एक साथ जजों की नियुक्ति नहीं हुई है। पहली बार जजों ने कोर्टरूम के बजाय ऑडिटॉरियम में शपथ ली। कोविड प्रोटोकॉल को चलते यह फैसला लिया गया है। यही नहीं, पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जजों के शपथग्रहण का लाइव टेलीकास्ट भी किया गया। पहली बार सुप्रीम कोर्ट में चार महिला जज काम करेंगी।
मंगलवार को शपथ लेते ही कर्नाटक हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट की जज बनते ही जस्टिस बी वी नागरत्ना ने एक साथ कई इतिहास रच दिए। जस्टिस बीवी नागरत्ना वरिष्ठता के क्रम में 2027 में देश की पहली महिला CJI बनेंगी। हालांकि, उनका कार्यकाल महज 36 दिनों का रहेगा। इसके साथ ही ये पहली बार होगा कि पिता-पुत्री सुप्रीम कोर्ट के जज बनेंगे। जस्टिस नागरत्ना के पिता जस्टिस ई एस वेंकेटरमैया पहले सीजेआइ रह चुके हैं। वो कर्नाटक में बार से पदोन्नत होने वाली प्रथम महिला हैं। कर्नाटक में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली महिला न्यायाधीश हैं। कर्नाटक की प्रथम महिला हैं जो सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।