Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

March 15, 2025

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाने को अभिनव थापर की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की सरकार को अंतिम चेतावनी

वर्ष 2021 में पूरे भारत मे कोरोना महामारी व उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की शिथिलता और पहाड़ में अन्य बीमारियों के लिए भी स्वास्थ्य सुविधाओं के आभाव के दृष्टिगत प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कांग्रेस नेता व सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर ने हाईकोर्ट नैनीताल में जुलाई 2021 पर जनहित याचिका दायर की थी। इसपर पर कोर्ट ने अगस्त 2022 में चार जनवरी 2023 तक दोनों पक्षों को जवाब देने और अंतिम बहस की तिथि नियत की थी। डेढ़ वर्ष से अधिक बीतने के बाद भी सरकार ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। इसे हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया और जनहित याचिका में उल्लेखित पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए समस्त मांगों पर सरकार को दिशा-निर्देश दिये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

याचिकाकर्ता अभिनव थापर की ओर से हाईकोर्ट के समक्ष रखे गए मुख्य बिंदु में आवास विभाग की हॉस्पिटल, नर्सिंग होम व स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले संस्थान के “वन टाइम सेटलमेंट- OTS- 2021” स्कीम में कमियों व क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट – CEA से संबंधित है। इनके नियमों में शिथिलता से उत्तराखंड में हॉस्पिटल बेड की वर्तमान संख्या को  घटने से रोकना व उनकी संख्या बढ़ाने का भी प्रावधान किया जा सकेगा। याचिका में पहाड़ी क्षेत्र में लिये विशेष शिथिलीकरण की मांग की गई है। इससे प्रदेश के दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ सुविधाओं का अवसर बढ़ सके और पूरे प्रदेश को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जनहित याचिका के हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विपिन सांघी व जस्टिस मनोज कुमार तिवारी युक्त पीठ ने इस याचिका के स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के विषय पर सरकार की तरफ से अनदेखी का संज्ञान ले लिया है। पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए शिथलीकरण की मांग पर सरकार को दिशा-निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता के मांगो पर गुण-दोष अनुसार कोर्ट के आदेशों से पहले ही स्वयं शासनादेश जारी कर पहाड़ और मैदान के नर्सिंग होम्स व हस्पतालों के नियमों पर दोहरे मापदंड को खत्म किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए अंतिम अवसर दिया और चेतावनी देकर पुनः नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में याचिका पर अपना पक्ष रखने का अंतिम अवसर दिया। कोर्ट ने अब फ़ाइनल सुनवाई की तारीख 14 जून 2023 भी तय कर दी है। अभिनव थापर ने कहा कि मेरी मांगो पर सहमति जताने के लिए हाईकोर्ट का सादर आभार। सरकार डेढ़ वर्ष से जवाब देने से भाग रही थी, किन्तु हमारे संघर्ष के बाद अंततः सरकार को अब पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाओं बढ़ाने के लिये नियमों शिथलीकरण करना पड़ेगा। इससे उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों को लाभ मिलेगा।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page