हाईकोर्ट नैनीताल ने एनएनबी केंद्रीय विवि से कालेजों की संबद्धता समाप्त करने के केंद्र सरकार के आदेश को किया निरस्त
उच्च न्यायालय नैनीताल ने हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों की संबद्धता समाप्त कर उन्हें श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय श्रीनगर से सम्बद्ध करने संबंधि आदेश को खारिज कर दिया।
उच्च न्यायालय नैनीताल ने हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों की संबद्धता समाप्त कर उन्हें श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय श्रीनगर से सम्बद्ध करने संबंधि आदेश को खारिज कर दिया। साथ ही यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दो माह के भीतर तय करें कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के संबंद्ध कॉलेजों को ग्रांट का भुगतान केंद्र सरकार करेगी या राज्य सरकार। गौरतलब है कि सहायता प्राप्त अशासकीय कॉलेजों की संबद्धता समाप्त करने को लेकर शिक्षक संघ भी काफी समय से आंदोलन कर रहा है। साथ ही बार बार ऐसे कॉलेजों की ग्रांट रोकी जा रही थी। इससे कालेजों में वेतन के लाले भी पड़ रहे थे। हाईकोर्ट के आदेश पर ही ग्रांट की किश्तें जारी की गई।हाईकोर्ट नैनीताल में आज केंद्र सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। देहरादून के राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान, अरुण कुमार, महिला महाविद्यालय पीजी,बीएसएम पीजी कालेज रुड़की व दयानंद शिक्षण संस्थान द्वारा अलग-अलग याचिका दायर की थी। मुख्य न्यायधीश आरएस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद केंद्र सरकार के पांच जून 2020 के आदेश को निरस्त कर दिया।
हाईकोर्ट ने साथ ही केंद्र व राज्य सरकार को आदेश दिया है कि दो माह के भीतर यह तय करें कि केंद्रीय विश्वविद्यालय से समबद्ध कालेजों को दी जाने वाली ग्रांट का भुगतान केंद्र सरकार वहन करेगी या राज्य सरकार। कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी आदेश दिए हैं कि जब तक दोनों सरकारें निर्णय नहीं ले लेती तब तक कालेजों को दी जाने वाली ग्रांट राज्य सरकार वहन करेगी।
याचिकर्ताओं का कहना था कि केंद्र सरकार को इस तरह के आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है । यह अधिकार केंद्रीय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग या विश्वविद्यालय को है, वो भी यूजीसी की नियमावली के अनुसार, इसलिए केंद्र सरकार का यह आदेश असंवैधानिक है, इसे निरस्त किया जाय। सम्ब्द्धता वाले कालेज को दी जाने वाली ग्रांट का वहन राज्य सरकार कर रही है ,जबकि इसे केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाना चाहिए। इस मामले में डीएबी पीजी कालेज देहरादून के प्रबंधन की ओर से पैरवी कर रहे नैनीताल हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता शोभित सहारिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा।





