दिल्ली एनसीआर सहित उत्तराखंड में तेज बारिश, पारा लुढ़का, उत्तराखंड में एक की मौत, दो लापता
एक मौत दो लापता
उत्तराखंड में देहरादून समेत कई इलाकों में भारी बारिश का क्रम बना हुआ है। पौड़ी और रुद्रप्रयाग जिले की सीमा पर सिरोबगड़ में बादल फटने के कारण भारी मात्रा में मलबा आने से एक तेल टैंकर अलकनंदा में समा गया। टैंकर के चालक और परिचालक का भी अभी तक पता नहीं चल पाया है। टैंकर गोपेश्वर के पेट्रोल पंप के लिए आइओसी के रुड़की डिपो से ईंधन लेकर दिन में चला था। मार्ग बंद होने के कारण टैंकर चालक किरतपुर बिजनौर निवासी टीकम सिंह और क्लिनर मोनू कुमार वाहन किनारे खड़ाकर उसी में सो गए थे। इसके अलावा कई अन्य वाहन भी मलबे में दब गए, जिनमें सवार व्यक्तियों ने भागकर जान बचाई। इधर, देहरादून में भी भारी बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गए। बंजारावाला क्षेत्र में रिस्पना नदी के उफान में एक कार बह गई। इसमें सवार एक युवक की डूबने से मौत हो गई, जबकि एक अन्य को लोगों ने बचा लिया गया।
नदी नाले उफान पर
उधर, उत्तरकाशी में बारिश के कारण सिल्क्यारा बैंड के पास भूस्खलन से एक गोशाला क्षतिग्रस्त हो गई। इसमें एक गाय की दबने से मौत हुई। मोरी के फिताड़ी गांव के खका तोक में भूस्खलन से सात बकरियां मलबे में दब गईं। दून में हुई भारी बारिश से बंजारावाला में एक कार नदी के उफान में बह गई। जिसमें सवार रायपुर निवासी राहुल को पुलिस ने बचा लिया, लेकिन उसका नमन साथी कार से छिटककर नदी में बह गया और उसकी मौत हो गई।
प्राचीन शिव बावड़ी मंदिर के प्रांगण का पुश्ता गिरा
देहरादून में ओल्ड मसूरी रोड स्थित भगवान शिव के प्राचीन शिव बावड़ी मंदिर के प्रांगण का पुश्ता कल दोपहर भारी बारिश के बीच भरभरा कर गिर गया। हालांकि मंदिर को कोई खतरा फिलहाल नहीं है। मंदिर को जाने वाली सीढ़ियां प्रभावित हुई हैं और उससे आगे नुकसान का खतरा है। एक जमाने में यहां स्वामी विवेकानंद जी ने साधना की थी। आज प्रातः पुश्ता गिरने की खबर मिलने पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना मंदिर पहुंचे और पुश्ते व मंदिर का निरीक्षण कर स्वामी जी से जानकारी हासिल की। स्वामी जी ने बताया कि कल दोपहर ढाई बजे करीब भारी बारिश के बीच अचानक पुश्ता भरभरा कर गिर गया। धस्माना ने स्वामी जी को आश्वस्त किया कि वे शीघ्र पुश्ते के पुनर्निर्माण का काम करवाएंगे।
चंपावत की 10 सड़कें बंद
कुमाऊं के चंपावत जिले में तीन दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश से भूस्खलन की घटनाओं में एक बार फिर तेजी आई है। मलबा आने से गांवों को जोड़ने वाली 10 सड़कें बंद हो गई हैं। एनएच-9 पर शुक्रवार की सुबह सात बजे से नौ बजे तक सड़कबंद होने से तीन घंटे आवाजाही ठप रही। देर शाम तक स्वाला, धौन, भारतोली और लीसा डिपो के पास आंशिक रूप से मलबा गिरने का सिलसिला जारी था।
दिल्ली एनसीआर में लुढ़का पारा
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बारिश शुक्रवार देर रात शुरू हुई और शनिवार सुबह भी जारी रही। इस बीच पारा भी 3 से 4 डिग्री तक लुढ़क गया है। मौसम विभाग ने दिल्ली नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में बरसात कई घंटों तक जारी रहने का अनुमान लगाया है। दिल्ली और एनसीआर में तापमान में तेज गिरावट से लोगों ने राहत महसूस की है। मौसम विभाग ने पहले ही अनुमान लगाया था कि सितंबर में इस बार 10 फीसदी ज्यादा बारिश देखने को मिल सकती है, जबकि अगस्त में 24 फीसदी तक कम बारिश रिकॉर्ड की गई है।
यहां हुई जोरदार बारिश
मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि दिल्ली के अलावा यूपी में नोएडा, ग्रेटर, गाजियाबाद, हिंडन एयरबेस, लोनी, दादरी में भी कई घंटों तक तेज बरसात हुई। हरियाणा में भी पानीपत, सोनीपत, झज्जर समेत ज्यादातर जिलों में सुबह के वक्त बारिश का तेज दौर देखने को मिला। राजस्थान के भी कई इलाकों में भी यही नजारा रहा। वेस्ट यूपी में मुजफ्फरनगर, डिबाई, अलीगढ़, बड़ौत, बागपत जैसे तमाम क्षेत्रों में भारी बारिश हुई है। इससे पारा तेजी से नीचे लुढ़का।
अगस्त माह में हुई कम बारिश
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, 12 वर्ष में सबसे कम बारिश अगस्त में हुई है। अगस्त में इस साल 24 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड हुई है। विभाग का कहना है कि देश में कमजोर मानसून के दो दौर देशभर में 9 से 16 अगस्त और 23 से 27 अगस्त के बीच देखने को मिला। अगस्त 2021 में औसतन बारिश में कमी देखने को मिली, जो 2009 से यानी पिछले 12 साल में सबसे कम दर्ज की गई है। वर्ष 2002 के बाद से पिछले 19 सालों में इस साल अगस्त माह में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है।
यहां कम दर्ज की गई बारिश
दरअसल, मॉनसून सामान्यता देश में 1 जून को आता है और 30 सितंबर तक सक्रिय रहता है। जून में 10 प्रतिशत अधिक बारिश हुई थी। जुलाई और अगस्त में बारिश में क्रमशः 7 और 24 फीसदी कम रही। देश में चार मौसम विभाग के डिवीजनों में से मध्य भारत में 39 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा का एक बड़ा इलाका शामिल है। उत्तर-पश्चिम भारत, जिसमें उत्तर भारत में 30 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई।
उत्तराखंड में जोरदार बारिश
भले ही अगस्त माह में देश भर में कम बारिश दर्ज की गई हो, लेकिन उत्तराखंड में अच्छी खासी बारिश हो रही है। खासकर कुमाऊं के जिलों के साथ ही गढ़वाल के पौड़ी, देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी जिलों में तेज बारिश का दौर जारी है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन से सड़कें अवरुद्ध हो रही हैं और मैदानी क्षेत्र में जलभराव की समस्या में इजाफा हुआ है। नदी नालों के किनारे की बस्तियों में तो बरसात का पानी घुसने की समस्या बढ़ी है। साथ ही देहरादून में जोरदार बारिश से अच्छे खासे भवनों में भी सिलाप (नमी) आने की समस्या इस बार ज्यादा बढ़ी है। छतों और दीवारों से पानी टपक रहा है। देहरादून में तो अब लोग बारिश से घरों को बचाने के लिए लेंटर के ऊपर टिन शेड भी लगवा रहे हैं।
मौसम का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के मुताबिक, आज शनिवार 11 सितंबर को भी पर्वतीय क्षेत्र में कहीं कहीं तेज बौछार, गर्जन, आकाशीय बिजली चमकने के साथ बारिश का दौर जारी रहेगा। 12 सितंबर को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, और पिथौरागढ़ जिले में कहीं कहीं बहुत भारी से भारी बारिश होगी। इस दिन का ओरेंज अलर्ट है। 13 व 14 सितंबर का यलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दिन चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़, जिले में कहीं कहीं तेज बौछार के साथ भारी बारिश की संभावना है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।