हरीश रावत बने सेंटा, बच्चों को बांटे गिफ्ट, बोले-भाजपाइ बंदूकचियों ने दागे दनादन गोले, इस दौरन मास्क रहा नदारद
अक्सर अपने घर में दावत देने के लिए चर्चित उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने क्रिसमस के मौके पर अपने घर पर बच्चों को पार्टी दी। इस मौके पर बच्चों के साथ ही उनके माता पिता को सेंटा की लाल टोपी पहनाई। साथ ही वह भी बगैर दाढ़ी वाले सेंटा बने। इस मौके पर बच्चों ने भी खूब लुत्फ उठाया। इसके बाद प्रतिक्रिया पर भाजपा पर उन्होंने जोरदार हमला बोला।
मसूरी रोड स्थित अपने आवास पर हरीश रावत ने बच्चों को आमंत्रित किया। उनके साथ केक काटा और क्रिसमस मनाया। इस दौरान वह खुद लाल रंग के लिवास में नजर आए। सिर पर सेंटा की टोपी थी। साथ ही सब बच्चों और उनके अभिभावकों को भी लाल टोपी पहनाई। इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि- मेरा छोटा नाती है। उसने अपने बहुत सारे दोस्त बुलाए। क्रिसमस में उसके दोस्त जुटे हैं। वह बोले-कोरोनाकाल में बच्चों को साथ नहीं हो पा रहा है। उससे मनोवैज्ञानिक समस्याएं खड़ी हो रही हैं। उन्होंने बच्चों को गिफ्ट भी बांटे।
इस दौरान ज्यादातर बच्चों के साथ ही कई बड़ों ने भी मास्क नहीं लगाया। खुद हरीश रावत बगैर मास्क में नजर आए। ऐसे में बच्चों से लेकर बड़ों के लिए कोरोना का भय बना रहना लाजमी है। बच्चों को कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन से लेकर अभी तक प्राइमरी स्कूल नहीं खोले जा सके हैं। माध्यमिक स्कूलों में भी नवीं व 11 वीं के छात्रों के लिए भी स्कूल बंद हैं। सिर्फ दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर स्कूल खुले हैं। ऐसे में छोटे बच्चों की भीड़ जुटाने के दौरान कोरोना के नियमों का पालन न करना घातक हो सकता है।
हरीश रावत ने शनिवार को सोशल मीडिया में पोस्ट डालकर कहा कि मेरे सांता क्लॉज बनने से भाजपाई बौखला गए हैं। उन्होंने लिखा कि- अपने नाती मानवेंद्र के नये-नये दोस्तों को खुश करने के लिये मैंने एक मांगा हुआ सांता क्लॉज का गाउन मांगकर पहना और बच्चों को कुछ गिफ्ट दिये। सोशल मीडिया में इस दृश्य के वायरल होते ही भाजपाई बंदूकचियों ने मुझ पर दना-दन गोले दागने शुरू कर दिये।
उन्होंने लिखा कि- सांता क्लॉज दुनिया में दयालुता, साहयता और प्यार का प्रतीक माना जाता है। ये शब्द सनातन धर्म के मूल सिद्धांत, सहिष्णुता, उदारता व सर्वधर्म संभाव से ग्रहण किये गये हैं। लोग हमारे धर्म के गुणों को अपना रहे हैं और भाजपाई उन गुणों के प्रतीक सांता क्लॉज बनने पर बौखला जा रहे हैं। मैं दोनो वक्त पूजा करता हूँ, मैंने हिंदू धर्म के सभी तीर्थ स्थलों पर सर नवाया है। हरिद्वार का कोई अखाड़ा व संत पुरूष नहीं हैं, जिनके पांव मैंने न छुये हों। कभी यदि मैंने सांता क्लॉज का रूप धारण कर लिया। दरगाह पर सम्मान स्वरूप दरगाही टोपी पहन ली या गुरूद्वरे में निशान सहाब का पट्टा बांध लिया। तो क्या मेरा हिंदुत्व खतरे में पड़ जाता है?
हरीश रावत ने आगे लिखा- मैं भाजपा वाला हिंदू नहीं हूँ। मैं सनातन धर्म का अनुसरण करने वाला हिंदू हूँ। कल सचिन तेंदुलकर जी ने भी सांता क्लॉज की पोशाक पहनी थी, उनको आप क्या कहेंगे? मेरे पास दरगाही टोपी पहने अटल बिहारी वाजपेई जी का फोटो भी है। क्या वो भी अब गैर हिंदू हो गये थे? उत्तराखंड के महामानव वीरचंद्र सिंह गढ़वाली ने निहत्थे पठानों पर गोली चलाने से इंकार कर दिया था। क्या उनका हिंदू होना भी भाजपा की नजरों में खतरे में है?
उन्होंने कहा कि गाँधी जी ने सारी दुनिया से कहा “ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सनमती दे भगवान” क्या उन्होंने भी कुछ भूल कर दी। भाजपा के दोस्तों ऐसे घृणित विवेककारी मानसिकता से आप चुनाव भले ही जीत सकते हो। मगर आप एक अच्छा हिंदुस्तान नहीं बना सकते हो। खैर मैंने आपकी सलाह मानकर नये वर्ष के उपलक्ष में उत्तराखंडी वस्त्र और आभूषण पहनने की एक प्रतियोगिता जरूर आयोजित कर दी है। और मैं उत्तराखंडी वस्त्र-आभूषणों पर एक निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित करूँगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।