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March 11, 2025

चमोली में पत्रकारों की मदद में आया हंस फाउंडेशन, वितरित किए चिकित्सा उपकरण, बेजुबानों की भी मदद

कोरोनाकाल में समाज सेवा में जुटे हंस फाउंडेशन पत्रकारों की मदद को आगे आया।


कोरोनाकाल में समाज सेवा में जुटे हंस फाउंडेशन पत्रकारों की मदद को आगे आया।चमोली जिले में संस्था सदस्यों ने पत्रकारों को चिकित्सा उपकरण भेंट किए। गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर से ही पत्रकार जान जोखिम में डालकर रिपोर्टिंग कर रहे हैं। कई पत्रकार कोरोना से संक्रमित भी हुई और कई की जान भी गई। इस दौरान कई संस्थानों ने घाटे का बहाना बनाकर पत्रकारों को नौकरी से भी निकाल दिया। वहीं कई संस्थानों ने उनके वेतन में कटौती कर दी। हांलाकि इसके विपरीत ये संस्थान सरकारों से मोटा विज्ञापन लेते रहे हैं।
चमोली में हंस फाउंडेशन ने फ्रंट लाइन में कार्य कर रहे पत्रकारों को कोरोना बचाव सामग्री वितरित की। इसमें ऑक्सीमीटर, डिजिटल थर्मामीटर, स्टीमर,मास्क व सैनैटाइजर हैं। बता दें कि कोरोना कि इस विकट घड़ी में माता मंगला और भोले जी महाराज की संस्था हंस फाउंडेशन बढ़ चढ़ कर गांव गांवो में भी जरूरतमंद लोगो की मदद कर रही है।
फाउंडेशन की ओर से चमोली के अस्पतालों को भी कोरोना से बचाव करने के लिए स्वास्थ्य उपकरण भी दिए जा रहे है। फाउंडेशन की तरफ से सीएचसी घाट, जोशीमठ और पोखरी में जल्द स्वास्थ्य उपकरण भी दिए जाएंगे। इसके अलावा उत्तराखंड के अन्य जिलों में भी संस्था की ओर से सेवा कार्य किए जा रहे हैं। चमोली जिले में प्रेसक्लब के अध्यक्ष देवेंद्र रावत ने कोरोना काल मे हंस फाउंडेशन की ओर से पत्रकारों को कोरोना से बचाव की सामग्री और स्वास्थ्य उपकरण भेंट करने पर माता मंगला और भोले जी महाराज का धन्यवाद किया है।
बेजुबानों की भी मदद
विश्व पर्यावरण दिवस पर इस कोरोना काल में हंस फाउंडेशन इंसान के साथ-साथ बेजुबानों का भी सहारा बना है। फाउंडेशन की संस्थापक माता मंगला और भोले जी महाराज ने चिड़ियाघर के पशु-पक्षीयों को गोद लेकर खान-पान और रहन-सहन की जिम्मेदारी ली है। फाउंडेशन ने देहरादून चिड़ियाघर के जानवरों के जीवन संरक्षण के लिए यहां के पशु-पक्षीयों को गोद लेने का फैसला लिया है। संकल्प लिया कि इनके खान-पान और रहन-सहन की जिम्मेदारी फाउंडेशन लेगा, ताकि इस कोरोना सक्रमंण के दौर में इन बेजुबान जानवरों का जीवन बचाया जा सके। चिड़ियाघर को फाउंडेशन ने एक वाहन और एयर बलून के साथ ही कई महत्वपूर्ण सामग्री भी दी है। चिड़ियाघर के कर्मचारियों के लिए पोशका और पशु-पक्षियों के रखरखाव, खान-पान और अन्य सुविधाओं के लिए लगभग 30 लाख रूपये की राशि प्रदान की गई है।
चिड़ियाघर के निदेशक पीके पात्रो ने माता मंगला जी और भोले जी महाराज जी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस कोरोना काल में मानव जाति के साथ ही पशु-पक्षी भी व्याकुल हैं। यह दौर मानव के साथ पशु पक्षियों के लिए भी बहुत संकट का दौर है। ऐसे समय में पशु-पक्षियों के भरण पोषण की जिम्मेदारी लेना बहुत बड़ा पुण्य का कार्य है। उन्होंने कहा कि मनाव के साथ-साथ जानवरों में भी कोरोना संक्रमण फैलने के संकते हमें मिले थे। लिहाजा एहतियात के तौर पर तत्काल प्रभाव से पर्यटकों के लिए जू को बंद करना पड़ा।
कोरोना लॉकडाउन के चलते चिड़ियाघर के अधिकारी कर्मचारियों के सामने जानवरों के खाने पीने, दवाईयों व अन्य चीजों की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया था। सालभर में चिड़ियाघर के पशु-पक्षियों पर करीब 60 लाख रुपये का खर्चा आता है। हंस फाउंडेशन की ओर से की गई मदद च‌िड़ियाघर प्रशासन कभी नहीं भूलेगा। माता मंगला जी और भोले जी महाराज के इस पुण्य कार्य की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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