ज्ञानवापी मस्जिद केसः सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई, वाराणसी कोर्ट को दिया कोई आदेश जारी न करने का निर्देश
उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद पर जारी विवाद मामले में होने वाली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार तक टाल दी है। बताया गया कि हिंदू पक्ष के वकील की तबीयत अचानक खराब हो गई। इस पर आज सुनवाई टालने की मांग की गई।

दरअसल, हिंदू पक्ष ने आज सुप्रीम कोर्ट से मामले की सुनवाई शुक्रवार तक टालने की मांग की थी। वकील विष्णु जैन ने कहा कि मुख्य वकील हरिशंकर जैन को अटैक आया है, इसलिए सुनवाई कल तक टाल दी जाए। हालांकि, मुस्लिम पक्ष की ओर से हुजेफा अहमदी ने कहा कि इस मामले की वजह से दूसरी जगहों पर भी इस तरह के मामले दाखिल हो रहे हैं। ऐसे में हमारी मांग है कि मामले की सुनवाई में देरी ना हो। आज भी वाराणसी कोर्ट में अर्जी लगी है कि मस्जिद की दीवार गिरा दी जाए। चूंकि ट्रायल कोर्ट कार्यवाही जारी रहेगी, हमारी आशंका ये है कि वो इस संबंध में आदेश जारी कर सकती है।
वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट दाखिल
यूपी के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और सिंगार गोरी मंदिर मामले में सर्वे की रिपोर्ट आज एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह ने अदालत में दाखिल कर दी है। विशाल सिंह ने मीडिया से कहा कि हमने सर्वेक्षण रिपोर्ट दाखिल कर दी है। अजय मिश्रा ने पिछली शाम को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। हमने ये रिपोर्ट बिना किसी पक्षपात के तैयार की है। पिछले तीन दिनों से हम सोए नहीं थे। 70 पेज की ये रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में है। यह रवि कुमार दिवाकर की अदालत में पेश की गई है।
बता दें कि वकील अजय मिश्रा ने बुधवार की शाम को ही वाराणसी ज़िला अदालत में अपनी सर्वे रिपोर्ट सौंपी है। जो कि दो पन्नों की बताई जा रही है। उनके समय में हुई वीडियोग्राफ़ी और फ़ोटोग्राफ़ी पहले से ट्रेज़री के लॉकर में रखी है। कल अदालत में एक याचिका भी दायर की गई थी, जिसमें हिंदू पक्ष ने कोर्ट से आग्रह किया था कि अजय मिश्रा को उनकी सर्वे रिपोर्ट सौंपने की अनुमति दी जाए।
दरअसल ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे मामले में वाराणसी की कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटा दिया था। मिश्रा की निष्पक्षता पर सवाल उठने के बाद ये कदम उठाया गया था। इसके साथ ही कोर्ट ने बाकी दो कमिश्नरों को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो दिन की मोहलत भी दे दी थी। कोर्ट ने पाया था कि अजय मिश्र ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए प्राइवेट वीडियोग्राफर रखा था, वे लगातार मीडिया में केस से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रख रहे थे। इसके चलते मिश्र को कार्यमुक्त करने का फैसला लिया गया।
पहले कोर्ट ने अकेले अजय मिश्रा को सर्वे करने की ज़िम्मेदारी दी थी। सिविल जज रवि दिवाकर ने सबसे पहले उन्हें ही कमिश्नर बनाया था। अजय मिश्रा ने दो दिन 6 और 7 मई को अकेले सर्वे की कार्यवाही की थी। बाद में मुस्लिम पक्ष की आपत्ति के बाद कोर्ट ने अजय मिश्रा के साथ विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह को नियुक्त कर सर्वे रिपोर्ट 17 मई को दाखिल करने के आदेश दिए थे।
कुंए में शिवलिंग मिलने का दावा
कोर्ट में हिंदू महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने दावा किया है कि मस्जिद परिसर के अंदर तालाब में एक शिवलिंग मिला है। वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि तालाब का इस्तेमाल शुद्धिकरण के लिए किया जाता था। वहीं, मुस्लिम पक्ष इसे नकार रहा है। मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा है। जिसे शिवलिंग कहकर प्रचारित किया जा रहा है, उसके ऊपरी हिस्से में कई कट लगे हैं। दावा किया जा रहा है कि ये पानी निलकने के लिए छिद्र बनाए गए हैं।
महिलाओं ने दायर की थी याचिका
उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है। स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह की ओर से इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है। कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है। रविवार को जिलाधिकारी शर्मा ने कहा था कि सोमवार का सर्वे कार्य सुबह आठ बजे से शुरू होगा और इस दौरान सभी पक्षों को मस्जिद परिसर में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है।
इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने बीते शुक्रवार को सर्वेक्षण पर यथास्थिति का अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, शीर्ष अदालत सर्वेक्षण के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की एक याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमत हुई है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।