Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 10, 2024

सहस्त्रताल में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए सरकार जिम्मेदार, बगैर एसओपी के साहसिक पर्यटन बना मौत का कारणः धस्माना

उत्तराखंड कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि राज्य में साहसिक पर्यटन के लिए ऊंचे हिमालई क्षेत्रों में ट्रैकिंग के लिए पर्यटन विभाग ने कोई नियम कायदे व एसओपी तैयार नहीं की है। इसी कारण सहस्त्रताल जैसी दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना घटी है। इसमें नौ पर्यटकों की जान चली गई। इसी प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना वर्ष 2022 में घटी थी, उसमें भी निम के 22 प्रशिक्षुओं की मृत्यु हो गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गौरतलब है कि 29 मई को 22 लोगों का एक दल उत्तरकशी सहस्त्रताल ट्रेकिंग रूट पर ट्रेकिंग के लिए गया था। जो कि रास्ता भटकने से लापता हो गया। जब तलाश शुरू की गई तो 5 लोगों का शव बरामद हुआ है। चार लोग लापता बताए गए। वहीं, 13 लोगों की जान बचाई जा चुकी है। उत्तराखंड के सहस्त्रताल ट्रेकिंग रूट पर ये कोई पहली घटना नहीं है। इससे पूर्व भी उत्तरकाशी में पर्वतारोहण ट्रेकिंग के दौरान ऐसे हादसे का शिकार हो चुके हैं। हर साल ऐसे हादसे यहां सामने आते रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैंप कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि इस घटना के लिए पूरी तरह से राज्य सरकार का गृह विभाग व पर्यटन विभाग जिम्मेदार है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले ऊंचे पर्वतों में जहां मौसम के पूर्वानुमान लगाना मुश्किल होता है। जहां बर्फीले तूफान, बर्फबारी, बारिश, भूस्खलन, भू धसाव जैसी घटनाएं लगातार होती रहती हैं, ऐसे क्षेत्रों में बिना स्वास्थ्य जांच, उम्र सीमा, बिना आवश्यक उपकरण व सैटलाइट फोन आदि औपचारिकताओं को पूरा किए बिना जाना हमेशा जोखिम भरा हो सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि ऐसे ट्रैकिंग रूट पर सख्त नियम व एसओपी होनी चाहिए। इसके बगैर जाना जानलेवा दुर्घटनाओं को जानबूझ कर आमंत्रण देने जैसा है। धस्माना ने कहा कि सहस्त्रताल में तो सभी पर्यटक 30 वर्ष से ऊपर थे। एक की उम्र 71 वर्ष थी, जिनकी मृत्यु हुई। ऐसे में साहसिक पर्यटन के लिए यह आवश्यक है कि एक एसओपी बने और उसका सख्ती से पालन हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि सहत्रताल के इस ट्रैकिंग अभियान के लिए पर्यटकों के पास ना तो आवश्यक उपकरण थे, ना उनकी स्वास्थ्य जांच हुई थी। उत्तराखंड में पर्वतारोहण, ट्रैकिंग, रिवर राफ्टिंग समेत अन्य सभी साहसिक खेलों व पर्यटन गतिविधियों के लिए अंतराष्ट्रीय मापदंडों के साथ नियम कायदे बनने चाहिए। उनका सख्ती से पालन भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेता और मंत्री बातें बड़ी बड़ी करते हैं, किंतु आज राज्य निर्माण के चौबीस वर्षों बाद भी कोई सरकार इस काम को नहीं कर पाई। यह बड़े दुर्भाग्य की बात है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page