Video: देहरादून के शायर दर्द गढ़वाली की गजल, नफरतों के बयान रहने दो
नफरतों के बयान रहने दो।
कुछ तो अम्नो-अमान रहने दो।।
कल सियासत के काम आएंगे।
ये सुलगते मकान रहने दो।।
है वतन आपका ये उनका भी।
प्यार को दरमियान रहने दो।।
बर्फ में जल रहा बदन कितना।
धूप का सायबान रहने दो।।
कस रहा तंज है पड़ोसी भी।
ताज की आन-बान रहने दो।।
खत्म सब मसअले हो जाएंगे।
डेढ़ गज की जबान रहने दो।।
इसमें आती है प्यार की खुशबू।
मेरा कच्चा मकान रहने दो।।
ये शगूफे तुम्हें मुबारक हों।
मुंह में मेरी जबान रहने दो।।
जान-पहचान है गजल से भी।
एक ये तो गुमान रहने दो।।
नफरतें पालकर भी क्या होगा।
अब पुराने निशान रहने दो।।
दर्द कितना वो खानदानी है।
आज उसका बखान रहने दो।।
देखें वीडियोः गजल गायक रमन चौधरी देहरादून के शायर दर्द गढवाली की गजल प्रस्तुत करते हुए। तबले पर हैं कमलेश।
दर्द गढ़वाली का परिचय
नामः लक्ष्मी प्रसाद बडोनी
उपनामः दर्द गढ़वाली
जन्म तिथिः 23 अक्टूबर 1965
जन्म स्थानः उत्तरकाशी
मूल निवासीः भटवाड़ा, टिहरी गढ़वाल
वर्तमान पताः बडोनी भवन
देवपुरम कालोनी, लोअर तुनवाला
देहरादून
मोबाइलः 09455485094
शिक्षाः स्नातक
तकनीकी शिक्षाः हिंदी आशुलिपि
एवं हिंदी पत्रकारिता
सम्प्रतिः पत्रकार, दैनिक जागरण, देहरादून
सम्मानः साहित्य साधक पुरस्कार
साहित्यिक विधाः गजल
गजल कुंभ दिल्ली के अलावा उत्तराखंड संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित कवि सम्मेलन /मुशायरा में काव्य पाठ। समय-समय पर दूरदर्शन देहरादून, आकाशवाणी देहरादून और मेरठ कवि सम्मेलन में काव्य पाठ।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।