युवा कवि नवीन जोशी की गढ़वाली कविता- न छौंका मारा दैं
न छौंका मारा दैं
न तुक्का मारा दै
अपणो का खातिर
एक पहल करा धै
न कैसी डरा धै
न केणी डरा धैं
द्वि दिन जीण खातिर
मुख मास्क लगा धे
न केकी सुणा धैं
न कैणी सुणा धै
अगर तुम छुंयाऴ छैं भी
तु छुयी मास्क लगै बोला धैं
बार बार हाथ मुख धुवां धै
सेनाडाइजर हाथ घुसा धैं
एक पहल जरुर करा धैं
तुम मुख मास्क लगा धैं
कवि का परिचय
नाम-नवीन जोशी
कवि टिहरी गढ़वाल के पिलखी के पोस्टऑफिस में उपडाकपाल के पद पर कार्यरत हैं। वह टिहरी गढ़वाल के थौलधार विकासखंड के कोट गांव के निवासी हैं। कविता लिखना उनका शौक है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।