युवा कवि महाबीर सिंह नेगी (दौला) की गढ़वाली कविता-नेगी दा!
नेगी दा!
गीत हम भी लांदा
बोल हम भी लिखदा||
गीत हम भी सुणदा,
गीत हम भी जणदा||
नेगी दा तुमरा गीतों मा कन भली रस्याण चा
नरु दिदा तुमरा गीतों मा कन भली रस्याण चा
1- तुमरा गीतों मा वसन्त वयार,
तुमरा गीतों मा होंसिया उलार ||
तुमरा गीतों मा उकाल उन्दार,
तुमरा गीतों मा भलू मौल्यार् ||
नेगी दा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
2-तुमरा गीतों मा धियणी खुदेन्दी,
तुमरा गीतों मा पण्देरि तिसैन्दी ||
तुमरा गीतों मा पहाडो रीत
तुमरा गीतों मा प्रीत ही प्रीत||
नेगी दा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
3- तुमरा गीतों मा घुघुती घुरान्दी,
तुमरा गीतों मा म्योलडी तिसांदी||
तुमरा गीतों मा ज्वानी की रौड,
तुमरा गीतों मा रॉक एण्ड रोल||
नेगी दा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
4-तुमरा गीतों मा गंगा जी की औत्
-तुमरा गीतों मा कुरितियो की मौत||
तुमरा गीतों मा समलोण छ भोत,
तुमरा गीतों मा रस्याण छ भोत||
कवि का परिचय
नाम- महाबीर सिंह नेगी( दौला)
मूल निवास- ग्राम दौला, पोस्ट कंडारा, जिला रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड। वर्तमान में कवि गुजरात के अहमदाबाद में नौकरी कर रहे हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।