एक लाख रुपये की रिश्वत लेने के दोषी पूर्व जिला सहायक निबंधक को छह साल की सजा
हरिद्वार जिले के पूर्व जिला सहायक निबंधक को कोर्ट ने एक लाख रुपये की रिश्वत देने के मामले में दोषी मानते हुए छह साल की सजा सनाई। साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। इस अदा नहीं करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। मामला वर्ष 2013 का है। तब उक्त अधिकारी को पुलिस सतर्कता की टीम ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में आज फैसला सुनाया गया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक 24 जनवरी 13 को उमराव सिंह सैनी निवासी ग्राम सोनकपुर, थाना टांडा, जिला रामपुर उत्तर प्रदेश, हाल निवासी मोहल्ला प्रगति विहार, काशीपुर, जनपद उधम सिंह नगर को विजीलैंस ने गिरफ्तार किया था। तब वह हरिद्वार के जिला सहायक निबंधक के पद पर तैनात थे। उनके खिलाफ जगदीश दत्त शर्मा से विजीलैंस में शिकायत की थी।
आरोप लगाए गए थे कि उनकी सेवानिवृत्ति पर मिलने वाली ग्रेच्यूटी, फण्ड आदि के भुगतान के एवज में बतौर रिश्वत के एक लाख रुपये की मांग की जा रही है। इस पर सतर्कता विभाग की टीम ने उक्त अधिकारी को रंगे हाथों रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार किया था। देहरादून में न्यायालय, भ्रष्टाचार निवारण देहरादून ने छह नवंबर को आरोपी को दोषी करार दिया था। इस पर आज सजा सुनाई गई। इसके तहत छह साल का कारावास और पचास हजार रुपये अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में उमराव सिंह सैनी को छह माह की अतिरिक्त भुगतनी पड़ेगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।