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July 30, 2025

नंदप्रयाग घाट रोड के लोगों के धरने में उपवास पर बैठे पूर्व सीएम हरीश रावत

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इन दिनों गढ़वाल भ्रमण पर हैं। इस दौरान वह कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। इस दौरान वह स्थानीय कांग्रेसियों के आंदोलन में भी शिरकत कर रहे हैं। कल उन्होंने चमोली जिले में भराड़ीसैंण स्थित ग्रीष्मकालीन विधानसभा परिसर के गेट का नाम पूर्व विधायक अनुसूया प्रसाद मैखुरी के नाम से करने की मांग भी उठाई। आज हरीश रावत ने नंदप्रयाग घाट मार्ग के चौड़ीकरण की मांग को लेकर क्षेत्रीय निवासियों के आंदोलन में शिरकत की। इस दौरान वह एक घंटे के उपवास पर बैठे। उनके साथ इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, विधायक मनोज रावत, पूर्व विधायक प्रतिपाल चौहान, कांग्रेस के वरिष्ठ नेतागण व कार्यकर्तागण भी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि क्षेत्र के लोग काफी समय से सड़क चौड़ीकरण की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री भी पहले घोषणा कर चुके थे। जब कुछ नहीं हुआ तो लोगों ने एक माह से धरना शुरू किया हुआ है। आंदोलन के तहत । रविवार को हजारों लोगों ने मानव श्रृंखला भी बनाई थी।
वहीं, ये मामला संज्ञान में आने पर सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिव लोक निर्माण विभाग को आवश्यक निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा कि नन्दप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण के लिए आवश्यक परीक्षण करते हुए शीघ्र कार्यवाही की जाए। ताकी क्षेत्र की हजारों की आबादी वाले ग्राम सभाओं के लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके।
वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कल सोशल मीडिया में पोस्ट के जरिये कहा कि- नंदप्रयाग घाट। घाट जो एक सीमांचल है। घाट जहां से हमारी अधिष्ठात्री देवी नंदा का ससुराल का क्षेत्र प्रारंभ होता है। आदि की तरफ हिमालय का, नंदप्रयाग जो स्वतंत्रता संग्राम की केंद्र स्थली रही है। वहां से घाट तक सड़क के चौड़ीकरण डामरीकरण की मैंने घोषणा की थी। मुझे गहरा दु:ख है कि सरकार ने उस पैसे को अन्यत्र खर्च कर दिया और अब उस सड़क को खटराक में डाल दिया है। मैं, वहां के आंदोलनकारी भाई-बहनों के साथ हूँ। मैं, कल दिनांक-13 जनवरी, 2021 को प्रातः 10 बजे से 11 बजे के बीच में मैं, नंदप्रयाग, घाट के भाई-बहनों के साथ अपनी भावनात्मक एकजुटता जाहिर करने के लिये उपवास पर बैठूंगा।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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