चमोली आपदा को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने सीएम को दिए सुझाव, पत्रकारों से बोले-भाजपा राज में गवर्नर हो जाते हैं पार्टी कार्यकर्ता
चमोली आपदा को लेकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिले। इस दौरान उन्होंने सीएम को छह सूत्रीय ज्ञापन देने के साथ सुझाव भी दिए। वहीं, पत्रकारों के सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि भाजपा के राज में गवर्नर पार्टी कार्यकर्ता बन जाते हैं। ऐसे में दूसरे दलों की सरकार और गवर्नर के बीच तालमेल नहीं रहता।
हरीश रावत ने कल ही सोशल मीडिया में पोस्ट डाली थी कि वे मुख्यमंत्री से मिलकर आपदा संबंधी उपायों को लेकर सीएम से मिलेंगे। आज कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के साथ वह मुख्यमंत्री से मिले। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि हमने सरकार से अनुरोध किया है कि उत्तराखंड में जितनी भी निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाएं हैं उनमें सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता कराया जाए।
साथ ही समय पर सूचनाएं मिल जाएं तो महत्वपूर्ण है। ग्लेशियरों का सर्वेक्षण अध्ययन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर परियोजना के निकट या आबादी के निकट वाले ग्लेशियरों का सर्वेक्षण किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ग्लेशियरों के व्यवहार में अंतर आ रहा है। क्लाइमेट चेंज के कारण स्थिति खतरनाक है। इस क्षेत्र में जितने संस्थान काम कर रहे हैं। चाहे वाडिया हों या केंद्र के अन्य संस्थान, उनसे ग्लेशियरों का अध्ययन करना चाहिए। साथ ही इसके लिए एक समिति गठित की जाए। जो भी सूचना मिले उसे समिति राज्य सरकार को दे। ताकी सरकार राज्य में उसी के अनुरूप काम करें।
हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार के पास जितनी जल विद्युत परियोजनाएं हैं, उनमें सेफ्टी प्लान नहीं है। ऐसा हमें इस आपदा में पता चला। एक ही जगह से मलबा निकाल रहे हैं। उसमें घुसने और निकलने का एक ही रास्ता है। आगे ऐसी योजनाएं बनाएं, जिसका सेफ्टी प्लान हो।
उन्होंने कहा कि हमने सीएम को सुझाव दिया कि कई गांव खतरे में बह सकते हैं। ऐसे गावों को विस्थापित करें। तत्कालीक तौर पर अस्थायी और इसके बाद स्थायी विस्थापन किया जाए। आपदा के मुद्दे पर सर्वदलीय कमेटी बनाकर उसकी मीटिंग कराई जाए। इसमें जो भी सहमति बने, उसे केंद्र के समक्ष रखा जाना चाहिए। उन्होंने एनटीपीसी की ओर से मृतक आश्रित को नौकरी देने और प्रभावित क्षेत्र के लिए भी सरकार की तरफ से कदम उठाने की मांग की।
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को उत्तराखंड दौरे के लिए वहां की सरकार की ओर से स्टेट प्लेन की व्यवस्था न करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कहा कि भाजपा शासन में गवर्नर पार्टी के कार्यकर्ता ज्यादा नजर आ रहे हैं। वे भाजपा के राजनीतिक कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। मोदीजी के राज्य में गर्वनर ही पार्टी कार्यकर्ता हैं। गवर्नर यदि गवर्नर रहे तो गरीमा का ध्यान रखा जाना चाहिए। जब गवर्नर कार्यकर्ता हो जाते हैं, उसका असर देखने को मिलता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
हरीश रावत जी एक संवेदनशील इनसान हैं उनके सुझाव उनके तजुर्बा व योग्यता को दर्शाता है.
हरीश रावत ही उत्तराखण्ड का भला कर सकते हैं.
जय कांग्रेस