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August 1, 2025

एक घंटे के भीतर जयपुर से लेकर मणिपुर तक भूकंप के पांच झटके, नींद से जागे लोग, घरों से निकले बाहर

शुक्रवार की तड़के जयपुर से लेकर मणिपुर तक भूकंप के पांच झटकों से लोग घबराकर घरों से बाहर निकल गए। इनमें कई झटके काफी तेज महसूस किए गए। इससे एक दिन पहले भी मणिपुर में भूकंप के दो झटके महसूस किए गए थे। भूकंप के झटके तीन तीव्रता से लेकर चार से अधिक के रहे। फिलहाल कहीं किसी नुकसान की खबर नहीं है। पांच झटके भी सुबह करीब चार बजे से शुरू हुए। इस दौरान लोगों की नींद खुल गई और घरों से बाहर निकल गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस तरह से लगे झटके
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, सबसे पहला झटका शुक्रवार 21 जुलाई की सुबह चार बजकर नौ मिनट 38 सेकेंड पर राजस्थान के जयपुर में महसूस किया गया। इसकी तीव्रता 4.4 थी। भूकंप का आक्षांस 26.88 और देशांतर 75.70 था। इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। दूसरा झटका चार बजकर 22 मिनट 57 सेकेंड पर जयपुर राजस्थान में महसूस किया गया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.1 थी। भूकंप का आक्षांस 26.67 और देशांतर 75.70 था। इसकी गहराई पांच किलोमीटर थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

तीसरा झटका मणिपुर में चार बजकर 24 मिनट 35 सेकेंड में महसूस किया गया। इसकी तीव्रता 4.2 थी। भूकंप का आक्षांस 25.21 और देशांतर 95.15 था। इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। चौथा झटका जयपुर राजस्थान में चार बजकर 25 मिनट 33 सेकेंड पर आया। इसकी तीव्रता 3.4 थी। भूकंप का आक्षांस 26.87 और देशांतर 75.69 था। इसकी गहराई दस किलोमीटर थी। पांचवां झटका उखरुल मणिपुर में मससूस किया गया। इसकी तीव्रता 3.5 थी। ये भूकंप पांच बजकर एक मिनट 46 सेकेंड पर आया। भूकंप का आक्षांस 24.99 और देशांतर 94.21 था। इसकी गहराई 20 किलोमीटर थी। इससे पहले चंदेल मणिपुर में 19 जुलाई की रात नौ बजकर 24 मिनट पर 2.8 तीव्रता का भूकंप, 20 जुलाई की रात एक बजकर आठ मिनट पर चंदेल मणिपुर में 3.6 तीव्रता का भूकंप आया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये हैं भूकंप के कारण
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
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Bhanu Prakash

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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