Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

June 1, 2025

एम्स ऋषिकेश में उत्तराखंड में पहली थ्रीडी प्रिंटेड कस्टमाइज्ड हिप इम्प्लांट सर्जरी सफल

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ऋषिकेश ने चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए उत्तराखंड में पहली बार कस्टमाइज्ड 3D प्रिंटेड इम्प्लांट की मदद से जटिल रिवीजन टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। इस तकनीक के जरिये वर्षों से दर्द और असहाय जैसी स्थिति से जूझ रहे मरीज को दोबारा अपने पैरों पर खड़ा होने का अवसर मिला है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हरिद्वार निवासी 60 वर्षीय संदीप शर्मा एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस से ग्रसित रोगी हैं। उन्होंने वर्ष 2003 में पीजीआई चंडीगढ़ में अपने दोनों कुल्हों (hips) का प्रत्यारोपण कराया था। लगभग 20 वर्ष के बाद उनके इम्प्लांट्स फेल हो गए। इसके चलते वर्ष 2023 से वह असहनीय दर्द के कारण चलने फिरने से बेहद लाचार स्थिति में थे। लिहाजा उनकी दिनचर्या पूरी तरह से व्हीलचेयर पर आश्रित हो गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बकौल संदीप शर्मा, उन्होंने अपने उपचार के लिए गतवर्ष 2024 में एम्स AIIMS दिल्ली में उपचार के लिए परामर्श लिया। जहां सर्जरी की प्रक्रिया शुरू की गई। मगर संक्रमण के चलते सर्जरी अधूरी रह गई और चिकित्सकों ने अस्थायी समाधान के तौर पर एक सीमेंट स्पेसर और स्टेबलाइजिंग नेल का उपयोग किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पेशेंट ने बताया कि वह लंबे समय तक सर्जरी की प्रतीक्षा करने में असमर्थ थे, लिहाजा उन्होंने AIIMS ऋषिकेश के चिकित्सकों से परामर्श के लिए संपर्क किया। यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा तमाम जरूरी जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि उनके कुल्हे की हड्डी में एक बहुत बड़ा दोष (बोनी डिफेक्ट) है, जिसे सामान्य इम्प्लांट्स से ठीक कर पाना संभव नहीं था। ऐसे में मरीज के लिए विशेषरूप से डिजाइन किया गया 3D प्रिंटेड कस्टमाइज्ड इम्प्लांट तैयार कराया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बीते फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में प्रोफेसर रूप भूषण कालिया के मार्गदर्शन में ऑर्थोपेडिक्स विभाग की टीम की ओर से आठ घंटे में इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। डॉ. रूप भूषण कालिया के अनुसार इस प्रक्रिया में पहले से डाले गए सीमेंट स्पेसर और नेल को हटाकर 3D प्रिंटेड कस्टम इम्प्लांट को प्रत्यारोपित किया गया। राज्य में हुई यह अपनी तरह की पहली जटिल सर्जरी के लिए सहयोगी एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व डॉ. भावना गुप्ता ने किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सर्जरी के 7 सप्ताह बाद अब पेशेंट संदीप शर्मा पूरी तरह वजन सहन करने की स्थिति में हैं और उन्होंने सामान्यरूप से चलना प्रारंभ कर दिया है। लंबे अरसे से शारीरिक पीड़ा का सामना कर चुके पेशेंट को रोज-रोज के दर्द से स्थायीतौर पर निजात मिल गई। मरीज ने बताया कि मैं 2023 से काफी दर्द में था और पूरी तरह से व्हीलचेयर पर निर्भर हो गया था। एम्स ऋषिकेश में मुझे बहुत ही बेहतर इलाज और देखभाल मिली है। चिकित्सकों ने बेहद संवेदनशीलता और मेहनत से मेरा समुचित उपचार किया। मैं संपूर्ण चिकित्सकीय टीम के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यह उपलब्धि चिकित्सा जगत में 3D प्रिंटिंग तकनीक की प्रभावशीलता और संभावनाओं को उजागर करती है, जो विशेषकर जटिल और चुनौतीपूर्ण मामलों में मरीजों के लिए जीवन बदलने वाला समाधान सिद्ध हो सकती है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page