महिला अधिकारी भी घूसखोर, उत्तराखंड में विजिलेंस ने किया रंगे हाथों गिरफ्तार, जानिए रंगे हाथ गिरफ्तार का मतलब
उत्तराखंड में विजिलेंस का घूसखोर अधिकारी और कर्मचारारियों के खिलाफ अभियान जारी है। इसके बावजूद रिश्वत लेने वाले सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। अबकी बार विजिलेंस के जाल में महिला अधिकारी फंसी। शिकायतकर्ता से पहले 50 हजार रुपये बतौर रिश्वत ले चुकी थी। फिर भी उसका लालच नहीं गया और बीस हजार रुपये की डिमांड और करने लगी। इस पर शिकायतकर्ता ने 10 हजार रुपये की रिश्वत देते समय उसे रंगे हाथों पकड़वा दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मामला उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले का है। ये जिला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का गृह जनपत है। इसके बावजूद रिश्वतखोरों की हिम्मत देखिए। यहां सतर्कता विभाग की टीम ने बाट तथा माप के उपसंभाग विधि माप विज्ञान की सहायक नियंत्रक शांति भंडारी को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। सतर्कता निदेशक डॉ. वी मुरूगेशन ने इस सफलता पर ट्रैप टीम को नकद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा भी की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शिकायतकतता ने सतर्कता अधिष्ठान सैक्टर हल्द्वानी में महिला अधिकारी की ओर से रिश्वत मांगने की लिखित शिकायत की थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसका हर प्रकार के वजन तौलने वाले काटे, बाट बेचने और उनको ठीक करने का कारोबार है। इसके लिए लिए उसने खाद्य विभाग से संबंधित विधिक माप विज्ञान वाट माप विभाग से इस कार्य को करने के लिए लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आरोप है कि बाट माप विभाग में किच्छा की वरिष्ठ निरीक्षक एवं सहायक नियंत्रक पद पर तैनात शांति भंडारी ने फाइल को आगे बढ़ाने और लाइसेंस बनाने के लिए 70000 हजार रुपये की डिमांड की। इस पर पहली किश्त में 50 हजार रुपये देने पर उसका लाइसेंस तो बना दिया, लेकिन पिछले चार पांच महीनो से शांति भंडारी बाकी की रकम देने का दबाव बना रही थी। राशि नहीं देने की स्थिति में वह लाइसेंस निरस्त करने की धमकी दे रही थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस शिकायत पर सतर्कता सैक्टर हल्द्वानी में ट्रैप टीम का गठन किया गया। गत दिवस नौ दिसंबर को हल्द्वानी रोड किच्छा स्थित चीनी मिल के निकट शिवपुरम कालोनी विभागीय कार्यालय में शिकायतकर्ता दस हजार रुपये की रिश्वत देने पहुंचा। जैसे ही उसने रिश्वत की राशि महिला अधिकारी को सौंपी तो विजिलेंस की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सतर्कता अधिष्ठान हल्द्रानी की टीम ने आरोपी के आवास की तलाशी व अन्य स्थानों पर उसकी चल-अचल सम्पत्ति के सम्बन्ध पूछताछ आरंभ कर दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विजिसेंस की ओर से लोगों से अपील की गई है कि यदि कोई राज्य के सरकारी विभागों में नियुक्त अधिकारी, कर्मचारी अपने पदीय कार्य के सम्पादन में किसी प्रकार का दबाव बनाकर रिश्वत की मांग करता है। या उसके द्वारा आय से अधिक अवैध सम्पत्ति अर्जित की गयी हो, तो इस सम्बन्ध में सतर्कता अधिष्ठान के टोल फ्री हैल्पलाइन नम्बर-1064 एवं Whatsapp हैल्पलाईन नम्बर 9456592300 पर सम्पर्क कर भ्रष्टाचार के विरूद्ध अभियान में निर्भीक होकर सूचना दें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस में फंसी महिला अधिकारी
खास बात ये है कि भ्रष्टाचार के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इससे निपटने और इसे रोकने में कन्वेंशन की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 9 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस के रूप में भी नामित किया। यह कन्वेंशन दिसंबर 2005 में लागू हुआ। इसी दिन उत्तराखंड में ऐसे मामले में महिला अधिकारी ही रिश्वत लेती पकड़ी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रंगे हाथों गिरफ्तार का मतलब
जब भी किसी आरोपी रिश्वतखोर को घूस लेते पकड़ा जाता है, तो उसकी पहले से तैयारी की जाती है। रिश्वतखोर व्यक्ति को ट्रेस करने के लिए नोटों में केमिकल लगाकर पीड़ित के माध्यम से रिश्वतखोर व्यक्ति के पास पीड़ित को रिश्वत देने के लिए भेजा जाता है। जब रिश्वत मांगने वाला उन नोटों को लेता है, तब नोटों में लगा केमिकल रिश्वत लेने वाले के हाथ में लग जाता है। केमिकल रंगहीन होता है, ऐसे में रिश्वत लेने वाले को इसका पता नहीं होता है। इसके बाद जब रिश्वत लेने वाले के हाथ पर पानी या दूसरा केमिकल डाला जाता है तो उसके हाथ का रंग लाल गुलाबी हो जाता है। साथ ही यह सिद्ध होता है कि आरोपी ने रिश्वत की रकम को लिया गया है। इसे ही रिश्वतखोर को रंगे हाथों पकड़ना कहा जाता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।