स्त्री वरदान कार्यक्रम में ‘आवाज से उपचार तक’ का किया आह्वान
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गायनेकोलॉजी विभाग की ओर से महिलाओं की निजी समस्याओं के समूल निवारण के लिए शुरू किए गए कार्यक्रम ‘स्त्री वरदान: चुप्पी तोड़ो स्त्रित्व से नाता जोड़ो’ को विभिन्न सामाजिक संगठनों की सहायता से नई दिशा मिल रही है। बताया गया कि राज्यव्यापी महिला जनजागरुकता मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए हरिद्वार की अरुणिमा ऑर्गेनाइजेशन, जागृति ऑल इंडिया वूमेन कॉन्फ्रेंस आदि संस्थाएं खासा सहयोग को आगे आई हैं।
इस बाबत एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने अपने संदेश में कहा कि राज्य के आखिरी गांव की हरेक महिला तक यह स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जाएंगी, संस्थान की ओर से महिलाओं की इस तरह की समस्याओं की गंभीरता के मद्देनजर ही यह पहल की गई है। निदेशक एम्स ने कहा कि किसी भी महिला को इस तरह की तकलीफ में नहीं रहने दिया जाएगा, संस्थान उनकी समस्याओं के समूल निवारण को हरसंभव प्रयास करेगा, जिससे महिलाएं पूर्णरूप से स्वस्थ हो सकें।
उत्तराखंड में संचालित इस जनजागरुकता कार्यक्रम के तहत बृहस्पतिवार को ऑनलाइन व्याख्यान कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें संस्थान के रिकंस्ट्रक्टिव एंड कॉस्मेटिक विभागाध्यक्ष एवं सह आचार्य डा. नवनीत मग्गो ने महिलाओं की समस्याओं व उसके समुचित निवारण पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में करीब 60 चिकित्सकों, स्वयंसेवी महिलाओं व मरीजों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर रिकंस्ट्रक्टिव और कॉस्मेटिक विशेषज्ञ डॉ. नवनीत ने बताया कि स्त्री वरदान मिशन को संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी की ओर से शतप्रतिशत प्रोत्साहन मिल रहा है। जिससे यह अभियान अपनी सफलता की ओर अग्रसर है। उन्होंने सभी से महिलाओं की ‘ आवाज को उपचार’ तक पहुंचाने के लिए भरसक प्रयास करने की अपील की।
गौरतलब है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान,ऋशिकेश की ओर से उत्तराखंड में स्त्री वरदान अभियान की शुरुआत गतवर्ष 31 अक्टूबर-2020 को किया था। बताया गया है कि कार्यक्रम के तहत पहले दिन से ही महिलाओं में यूरीनरी इंकोंटिनेंस, प्रोलैप्स और सेक्शुअल डिस्फंक्शन जैसी गंभीर परेशानियों को लेकर उन्हें जागरुक करने के सतत प्रयास जारी हैं। डा. मग्गो के अनुसार इस विषय में पिछले करीब सवा दो महीनों में किए गए वृहद जनसंपर्क व अनुसंधान में स्पष्टतौर पर यह बात सामने आई है कि समाज में सभी वर्गों की महिलाओं में इस तरह की बीमारियां पाई जाती हैं, मगर दुर्भाग्य से महिलाएं संकोचवश अपना उपचार कराने के लिए सामने नहीं आती।
विशेषज्ञ डा. मग्गो के अनुसार महिलाओं की इस तरह की बीमारियों को दबाए रखने व उनका समय रहते उपचार नहीं कराने से अधिकांश मामलों में इसके घातक परिणाम सामने आते हैं, लिहाजा महिलाओं को ऐसी समस्याओं को लेकर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। स्त्री वरदान कार्यक्रम के संयोजक डॉ नवनीत मग्गो ने आज ‘आवाज़ से इलाज तक’ का नारा देते हुए पूरे प्रदेश से जुड़ी महिलाओं को आह्वान किया कि वह सब उन महिलाओं की आवाज बने जोकि चुप्पी में इन बीमारियों को झेल रही हैं और उस आवाज को एम्स ऋषिकेश तक पहुंचाएं जिससे कि डिपार्टमेंट ऑफ रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गायनेकोलॉजी, एम्स ऋषिकेश में उन सब का इलाज हो सके।
कार्यक्रम में सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ इंगलिश एसएसडीपीसी पीजी गर्ल्स कॉलेज रुड़की की सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर डा. भारती शर्मा ने महिलाओं को संबोधित किया। आयोजन में उत्तराखंड प्रांत कारवाह भावना त्यागी के साथ ही अरुणिमा ग्रुप की सुगंध जैन, डॉ. मंजुला भगत, डॉ. निधि हांडा, डॉ. बीना, जागृति ऑल इंडिया वूमेन कॉन्फ्रेंस हरिद्वार की डॉ. अर्चना चौहान, नीरू जैन आदि ने विशेष सहयोग प्रदान किया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।